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Saturday 20 September 2014

नकल की पर्ची तलाशने के नाम पर अशोभनीय आचरण !!!

जींद के एक स्कूल में परीक्षा से पूर्व नकल की पर्ची तलाशने के नाम पर दसवीं कक्षा के छात्रों की पैंट उतरवाना न केवल शर्मनाक बल्कि दंडनीय भी है। सभ्य, शालीन तरीके से परीक्षा संचालन करवाना शिक्षा बोर्ड का सबसे अहम दायित्व है, इसके लिए बोर्ड पूर्ण तैयारी का दावा भी करता है लेकिन यथार्थ के धरातल पर क्या हो रहा है, जींद के परीक्षा केंद्र का उदाहरण सामने रख कर सहजता से अहसास किया जा सकता है। ताज्जुब उस सुपरवाइजर के विवेक पर है जिसने छात्रों के जूते, जुराब के बाद पैंट उतरवानी शुरू कर दी और अभद्र व्यवहार किया। इतना ही नहीं उस पर वहां आए स्कूल संचालकों से भी अभद्र व्यवहार करने का आरोप है। आरोप तो यह भी है कि तीन-चार पेपरों के दौरान बच्चों से ऐसा व्यवहार किया गया। शुक्र है वहां पहुंची शिक्षा बोर्ड की फ्लाइंग टीम व जिला शिक्षा अधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर स्थिति को संभाला, यदि अभिभावक वहां पहुंच जाते तो हालात खतरनाक रूप ले सकते थे। शिक्षा बोर्ड के अधिकारी इस कड़वी सच्चाई से भली-भांति वाकिफ हैं कि परीक्षा केंद्रों पर बाहरी हस्तक्षेप धड़ल्ले से हो रहा है, हर दिन नकल के सैकड़ों मामले पकड़े जा रहे हैं। इन पर नकेल के लिए ठोस प्रयास करने के बजाय क्या जींद शैली में शिक्षा बोर्ड अंकुश लगाना चाहता है? सवाल यह है कि उस परीक्षा केंद्र के सुपरवाइजर को छात्रों की तलाशी इस तरह लेने का अधिकार किसने दिया? क्या अधीक्षकों को परीक्षा केंद्रों के अंदर किए गए प्रबंधों पर भरोसा नहीं? क्या पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मचारी तैनात नहीं किए गए? क्या अन्य स्टाफ भरोसेमंद नहीं? क्या शिक्षा बोर्ड के फ्लाइंग दस्ते प्रभावहीन हो गए? बाहरी हस्तक्षेप रोकने के लिए बोर्ड ने क्या अतिरिक्त प्रबंध किए गए? कई अन्य सवाल भी हैं जो शिक्षा बोर्ड की प्रबंध क्षमता और नकल रहित परीक्षा संचालन के दावों से सीधे जुड़े हैं। सबसे पहले बोर्ड को यह सुनिश्चित करना होगा कि जींद जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है, यह तत्काल स्पष्ट किया जाना चाहिए। परीक्षा केंद्रों पर नियुक्ति के समय स्टाफ को सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने और शालीन आचरण के लिए विशेष हिदायत दी जाए। सभी चाहते हैं परीक्षा में नकल न चले और गोपनीयता बरकरार रहे, पर यह काम जोर आजमाइश या फूहड़ आचरण से पूरा होने वाला नहीं। पुख्ता प्रबंधों से ही लक्ष्य हासिल होगा।                                                   djedtrl

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