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Saturday 20 September 2014

राष्ट्रीय ओपन स्कूल परीक्षा का गोरखधंधा

लोहारू : मुन्ना भाईयों के लिए इन दिनों हरियाणा में राष्ट्रीय ओपन स्कूल की मार्फत गजब का धंधा चला हुआ है। किसी भी बोर्ड से रेगुलर परीक्षा पास नहीं कर पाए तो कोई बात नहीं, उनके लिए राष्ट्रीय ओपन स्कूल तैयार है। इसमें सहज और सुलभ ढंग से पास कराने का ठेका बाकायदा दलालों द्वारा उठाया जाता है। और बदले में बच्चों से वसूले जा रहे हैं 10 से 20 हजार रुपए तक। मजे की बात है कि इस पूरे खेल में परीक्षाओं तक में परीक्षार्थी के बैठने की जरूरत नहीं होती है।
मिली जानकारी के अनुसार गांवों के स्कूलों में कथित धांधली और उडऩदस्तों पर हमले की वारदातों से बचने के लिए एनआईओएस के नोएडा मुख्यालय ने 8 मई, 2014 को विशेष तौर पर हरियाणा के लिए निर्देश जारी किए थे। इनके तहत किसी भी सूरत में परीक्षा केंद्र गांवों में न बनाएं जाएं तथा केवल जिला मुख्यालय, उपमंडल मुख्यालय या कस्बों में ही परीक्षा केंद्र तय किए जाएं। लेकिन इसके बावजूद इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इस धंधे में लिप्त शिक्षा माफिया धन के बल पर 27 सितंबर से शुरू होने वाली परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र अपने मन-माफिक गांवों के स्कूलों में लाने में कामयाब हो गया।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक अकेले लोहारू क्षेत्र में ये केंद्र लोहारू जैसे उपमंडल मुख्यालय की बजाए दूर-दराज गांव चैहड़ कलां, सेरला, सिंघानी, मोहम्मदनगर-मनफरा, ढिगावा में बना दिए गए हैं  जबकि लोहारू में केवल एक केंद्र को छोड़कर, सिवानी तथा बहल आदि तहसील मुख्यालयों में कहीं कोई केंद्र नहीं बनाए गए। इसी प्रकार बाढड़ा तहसील मुख्यालय को छोड़कर गांव काकड़ौली तथा झोझू में ये केंद्र बनाए गए हैं। प्रायोगिक परीक्षा केंद्रों में भी 500 से 1 हजार रुपए प्रति विषय लेकर विद्यार्थियों को पास किया जाता है। वास्तविक परीक्षार्थी के हाजिर न होने पर उसकी जगह अन्य किसी के बैठने पर यह धनराशि और बढ़ जाती है।
क्या कहते हैं एसडीएम : 
इस बारे में एसडीएम डा. शालीन ने राष्ट्रीय ओपन स्कूल की इस तरह की परीक्षाओं पर अचंभा जाहिर करते हुए कहा कि मामला उनकी संज्ञान में आ गया है। परीक्षा केंद्रों पर छापे मारकर दोषियों को पकड़ा जाएगा। मर्यादित और नकल रहित शिक्षा व्यवस्था उनका मुख्य लक्ष्य है।
परीक्षा केंद्रों  पर छापे मारे जाएंगे : क्षेत्रीय निदेशक
एनआईओएस के क्षेत्रीय निदेशक टीएन गिरी से संपर्क करने पर उन्होंने स्वीकार करते हुए बताया कि कुछ राजनीतिक दबाव या चुनाव संबंधी कारणों की वजह से परीक्षा केंद्र केवल शहरों या जिले में ही बनाए जाने के सरकुलर को नोएडा कार्यालय ने वापिस ले लिया। वे खुद तो जिले या शहरों में ही परीक्षा केंद्र बनाने से खुश थे। लोहारू क्षेत्र के गांवों में बनाए गए केंद्रों के बारे में उन्होंने बताया कि ये सभी केंद्र नोएडा मुख्यालय से ही बनकर आए हैं, उन्होंने कोई अनुशंसा नहीं की थी। प्रायोगिक या लिखित परीक्षा में धन ऐंठने के बारे में उन्होंने बताया कि इसके लिए वे केंद्रों पर छापे मारेंगे।                                                             dt

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