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Tuesday 1 September 2015

अब माननीयों की पर्ची पर नहीं होगा तबादला


** तैयार हो गया है शिक्षकों की तबादला नीति का नया प्रारूप 
** अध्यापक 18 सितंबर तक दें सकते है अपने सुझाव
फरीदाबाद : शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए सरकार अब नई तबादला नीति पर काम करने लगी है। नई नीति में शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया में माननीयों का हस्तक्षेप नहीं चलेगा। यह नियमानुसार होगा। किसी तरह की राजनीतिक सिफारिश की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने नई नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए शिक्षकों से सुझाव मांगे हैं। इसके लिए 18 सितंबर तक का समय तय किया गया है। 
फरीदाबाद में 814 जेबीटी, 403 सीएंडवी, 506 मास्टर, 88 ईएसएचएम, 565 लेक्चरर्स, 24 हेडमास्टर और 51 प्रिसिंपल कार्यरत हैं। इनके अलावा अतिथि अध्यापकों की संख्या 755 है। मौजूदा समय में सरकारी स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी से लेकर उच्चाधिकारी तक की स्थानांतरण व्यवस्था में राजनीतिक सिफारिश हावी है। तबादला योग्यता, अनुभव, कार्यकुशलता के आधार पर नहीं, बल्कि जितनी राजनीतिक पहुंच अच्छी होगी, उतनी बेहतर जगह स्थानांतरण हो जाता है। 
अंक के आधार पर होगा तबादलाः 
नई नीति में तबादले का आधार अंक बनेंगे। आयु के 80 नंबर रखे गए हैं जबकि 20 नंबर अन्य श्रेणियों में तय किए गए हैं। मसलन, महिला, विधवा, बीमारी या अन्य से संबंधित मामलों में प्राथमिकता दी जाएगी। अगर किसी ने ग्रामीण क्षेत्र में नौकरी की है तो उसे भी ध्यान में रखा जाएगा। किसी भी स्कूल में (लड़कियों के स्कूल छोड़कर) 50 फीसदी से ज्यादा महिला शिक्षक नहीं होंगी। सीधी भर्ती या पदोन्नति वाले शिक्षकों को जोन एक और दो में तैनाती नहीं मिलेगी। शिक्षक तबादले के लिए जो विकल्प देंगे, उन्हें 10 साल तक बदला नहीं जा सकेगा। 
सात दिन करनी होगी ज्वाइनिंग ः 
जिले के स्कूलों को सात जोन में बांटा गया है। उन सभी पदों को खाली श्रेणी में रखा जाएगा जिन पर पांच साल या ज्यादा समय से टीचर तैनात हैं। टीचर्स को तबादले के लिए आवेदन ऑनलाइन करना होगा। इसके लिए जोनवार विकल्प होगा। जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जोनवार अपने स्कूलों और उनमें खाली पदों की संख्या भरने का काम करेंगे। जिस टीचर को पांच साल हो गए हैं, उन्हें दूसरे जोन में जाने का ऑप्शन भरना होगा। अगर कोई टीचर कोई भी जोन नहीं भरता है तो उसे प्रदेश में किसी भी स्कूल में भेजा जा सकेगा। टीचर्स को अपने तबादले वाले स्कूल में सात दिन के भीतर ज्वाइन करना होगा। अन्यथा उनका वेतन रोक लिया जाएगा। 
"यदि सरकार शिक्षा विभाग में राजनीतिक हस्तक्षेप को बंद करती है तो निश्चित तौर शिक्षा का स्तर सुधर जाएगा। राजनीतिक लोग शिक्षकों को तबादले के नाम पर ब्लैकमेल करते हैं।"-- रामवीर शर्मा, जिला प्रधान, हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन
"नई तबादला नीति के प्रारूप की जानकारी सभी को दे दी गई है। माना जा रहा है नए सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। नई नीति के लागू होने से कई सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।"-- रामकुमार पलसवाल, जिला शिक्षा अधिकारी                                                                                                  au

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