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Tuesday 23 February 2016

लापरवाह स्कूल मुखियाओं काे नहीं मिलेगा फरवरी का वेतन

सख्ती : सभी बच्चों का डाटा एमआईएस पोर्टल पर किया जाना है ऑनलाइन 
सिरसा : शिक्षा विभाग सभी बच्चों का डाटा मैनेजमेंट इंफॉरमेशन सिस्टम (एमआईएस) पोर्टल पर ऑनलाइन कराने को लेकर सख्त हो गया है। बच्चों का डाटा ऑनलाइन करने में लापरवाही बरतने वाले स्कूल मुखियाओं का वेतन रोका जाएगा। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर चेतावनी जारी की है। 
शिक्षा विभाग की ओर से आदेश जारी हुए हैं कि स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का डाटा एमआईएस पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाना है। बच्चों का डाटा आधार कार्ड से भी लिंक किया जाना है। इसे लेकर पहले ही निर्देश जारी हुए हैं और कार्रवाई भी शुरू हो गई है। लेकिन बार-बार आदेशों के बावजूद अभी तक सभी बच्चों का डाटा ऑनलाइन नहीं हो पाया। इसलिए विभाग की ओर से लापरवाही बरतने वाले स्कूल मुखियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के अादेश जारी हुए हैं। 
जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करके कहा है कि जो स्कूल मुखिया बच्चों का डाटा ऑनलाइन नहीं करा रहे उन्हें वेतन रोकने की चेतावनी दी जाए। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारियों ने सभी स्कूल मुखियाओं को पत्र भेजकर कहा है कि सभी बच्चों का डाटा ऑनलाइन करवाकर कार्यालय को सूचित करें। जो स्कूल मुखिया या इंचार्ज एसो नहीं कर पाए तो उनके डीडीओ द्वारा उनका फरवरी का वेतन रोक लिया जाएगा। 
आदेश जारी हुए हैं: खंड शिक्षा अधिकारी 
"सभीस्कूलों को पत्र भेजकर आदेश जारी किए हैं कि जल्द यह काम पूरा कर लिया जाए। जो स्कूल मुखिया निश्चित समय अवधि में यह काम नहीं करेंगे उनका फरवरी माह का वेतन रोक लिया जाएगा।''-- आत्मप्रकाश,खंड शिक्षा अधिकारी, सिरसा 
विभाग के आदेश हैं, जल्द पूरा करें काम 
" विभागके आदेश हैं कि तय समय में काम पूरा करें। क्योंकि इसी से ही विद्यार्थियों को विभिन्न स्कीमों के तहत लाभ मिल पाएगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो जिम्मेदार अधिकारी और स्कूल मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।''-- सुरेशकुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, सिरसा 
बिना संसाधनों के कैसे करें डाटा ऑनलाइन 
बच्चों का डाटा ऑनलाइन करने का काम बेशक सरकारी है लेकिन सभी स्कूलों में कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है। इसलिए शिक्षकों को स्कूल से बाहर जाकर यह काम कराना पड़ रहा है। कई शिक्षकों को तो अपने खर्चे पर साइबर कैफे से यह काम कराना पड़ रहा है। एक बच्चे का डाट ऑनलाइन करने में कम से कम एक घंटे का समय लगता है। इससे स्पष्ट है कि इतनी संख्या में बच्चों का डाटा ऑनलाइन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।                                                       db

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