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Saturday 27 February 2016

बच्चा टेस्ट में फेल हुआ तो टीचर का कटेगा वेतन

** सख्ती : बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर परिणाम के लिए शिक्षा विभाग ने कसी कमर, शिक्षक लेंगे टेस्ट 
बहादुरगढ़ : बोर्ड की परीक्षाओं में बेहतर परिणाम पाने के लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। अच्छे परिणाम लाने के लिए शिक्षकों को बच्चों का टेस्ट लेकर उसका परिणाम बोर्ड को भेजना होगा। इस टेस्ट में फेल होने पर संबंधित अध्यापकों को चार्जशीट कर उसके मासिक वेतन से कटौती की जाएगी। 
हरियाणा शिक्षा बोर्ड का मानना है कि इससे शिक्षक कड़ी मेहनत से बच्चों की तैयारी करवाएंगे और शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार होगा। दरअसल पिछले सत्र में इलाके के कई स्कूलों का परिणाम शून्य रहा था। हालांकि बोर्ड परीक्षा के खराब परिणाम के पीछे शिक्षकों की कमी भी बड़ा कारण बताया गया है। 
केंद्रीय विद्यालय कराएगा डमी परीक्षाएं : 
बोर्ड परीक्षाओं में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन यानि केवीएस इस बार स्कूलों में डमी परीक्षाओं का आयोजन करेगा। संगठन अपनी इस कवायद से पहले कमजोर विद्यार्थियों को बेहतर स्तर पर ले जाने और होनहार विद्यार्थियों को टॉपर्स की श्रेणी में लाने के लिए स्कूलों में स्टडी कैंप विशेष प्रोग्राम भी आयोजित करेगा। इन प्रयासों के जरिये परीक्षार्थियों को अध्ययन तकनीक परीक्षा के दौरान जबाव देने की बेहतर व्यवस्था से अवगत कराया जाएगा। 
"स्कूलों में बेहतर रिजल्ट लाने के लिए शिक्षा विभाग गंभीर है। कुछ स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही भी सामने आई है, इस पर कड़ा संज्ञान लिया जा रहा है। खराब रिजल्ट वाले अध्यापकों को चार्जशीट भी किया जाएगा और उनकी सेलरी भी काटी जा सकती है। विशेष टीम स्कूलों का दौरा भी करेंगी।"-- मदनचोपड़ा, बीईओ 
टीम करेगी स्कूलों का दौरा 
इसके तहत अधिकारियों की टीम का गठन भी किया गया है। यह टीम उन स्कूलों का व्यक्तिगत तौर पर दौरा करेगी, जहां वर्ष 2015 में बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम खराब रहा था। ये अधिकारी ग्राउंड जीरो पर जाकर समस्या को जड़ से समझने का काम करेंगे। इसके बाद सामान्य योजना से अलग इन स्कूलों के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। 
पिछले सत्र में रिजल्ट रहा खराब 
पिछले सत्र के दौरान झज्जर में दसवीं 12वीं का रिजल्ट अच्छा नहीं रहा था। दसवीं में 11 स्कूलों का रिजल्ट जीरो रहा था, जबकि 11 स्कूलों का रिजल्ट 15 फीसदी आया। वहीं, 12वीं में 3 स्कूलों का एक भी बच्चा पास नहीं हुआ। 15 प्रतिशत रिजल्ट के भी 7 स्कूल थे।                                                   db

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