कैथल : शिक्षा में सुधार के दावे धरातल पर कितने खरे हैं, इसकी बानगी सोमवार
को तब नजर आई जब बाल संरक्षण आयोग की टीम ने सरकारी स्कूलों में छापे मारे।
यहां कक्षाएं बच्चों के शोर से सराबोर थीं तो चारपाई पर नींद की खुमारी
में गुरुजी के खर्राटे गूंज रहे थे। इतना ही नहीं, कक्षाओं में गंदगी की
भरमार थी तो कंप्यूटर और सांइस लैब अव्यवस्थित। लाइब्रेरी पर ताला लटका था,
जिसकी चाबी तक इंचार्ज के पास मौजूद नहीं थी। इन तमाम अव्यवस्थाओं पर
स्कूलों के मुखिया से जबाव तलब भी किया गया है। सोमवार को सबसे पहले आयोग
टीम की सदस्य रमनदीप कौर पिलनी स्कूल में पहुंची। यहां सभी कमरों की
खिड़कियों पर लगी जाली टूटी मिली। पूछने पर पता चला कि मरम्मत के लिए मिला
पैसा अब तक खाते में ही पड़ा है। कमरों में या तो पंखे नहीं थे, जहां थे
वहां लाइट की व्यवस्था नहीं थी।
बच्चे इंतजार में, शिक्षक गायब
आयोग की
टीम गांव काकौत के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पहुंचीं तो यहां सातवीं
कक्षा के विद्यार्थी शिक्षिका का इंतजार कर रहे थे। स्कूल इंचार्ज को भी
शिक्षिका की जानकारी नहीं थी। नौवीं कक्षा में शिक्षक पढ़ाते मिले, लेकिन
छात्रों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं थी। टाट पट्टी को अलमारी में रखीं
हुई थी। कमरे में जगह-जगह गंदगी थी।
शिकायत पर हुआ दौरा
इस स्कूल के ¨प्रसिपल द्वारा रात को कार्यालय
में शराब पीकर हंगामा करने की शिकायत मिलने के बाद आयोग की सदस्य रमनदीप
कौर ने यह दौरा किया।
लाइब्रेरी पर लगा था ताला :
कौर
जांच के लिए लाइब्रेरी पहुंची तो बाहर ताला लगा था। अंदर तीन पंखे चल रहे
थे और छात्रएं बाहर बरामदे में गर्मी में बैठी थी। जांच करने पर कंप्यूटर
लैब खुली थी, लेकिन सिस्टम नहीं चल रहे थे।
लैब धूल से अटी :
काकौत के
स्कूल की विज्ञान लैब धूल से अटी पड़ी थी। कीमती और महंगे लैब यंत्रों को
इस्तेमाल नहीं किया गया था। आयोग की सदस्य प्राइमरी ¨वग में पहुंची तो
बच्चे टाट पट्टी पर बैठे थे। बच्चे खुद बर्तन उठाकर जा रहे थे।
स्कूल भेजने
के दिए आदेश :
टीम ने गांव काकौत में ही दो आंगनबाड़ी केंद्रों का दौरा
किया तो बच्चों की संख्या 4 से 5 ही मिली। इसके बाद वे सेक्टर-18 में
पहुंची तो झोपड़ियों में दस बच्चे ऐसे मिले जो स्कूल नहीं जा रहे थे।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.