राजधानी हरियाणा : हरियाणा में
स्कूल, शिक्षकों और अन्य स्टाफ की समस्याएं सुनने के लिए लोकपाल नियुक्त
करने की तैयारी है। अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम करने और शिक्षकों को
तनावमुक्त करने के उद्देश्य से राज्य सरकार यह फैसला करने जा रही है। अगर
यह लागू होता है तो शायद हरियाणा देश का पहला राज्य होगा जहां ऐसी व्यवस्था
होगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में ही अकेले शिक्षा विभाग से संबंधित
साढ़े तीन हजार से ज्यादा मुकदमे विचाराधीन हैं। शिक्षा विभाग में लगने
वाला लोकपाल जिला एवं सत्र न्यायाधीश रैंक का होगा। फिलहाल संभाग मुख्यालय
पर एक लोकपाल लगाए जाने की योजना है। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
केके खंडेलवाल बताते हैं कि सरकार का उद्देश्य सभी शिक्षकों को हर तरह से
तनाव मुक्त करना है। अगर शिक्षक समस्याओं में उलझे रहेंगे तो वे अच्छे
परिणाम कैसे देंगे? इसी उद्देश्य से शिक्षा विभाग ऐसी तैयारी कर रहा है। शिक्षकों को संतुष्ट रखना प्राथमिकताः सीएम "शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन के लिए पहली प्राथमिकता है कि शिक्षकों को अधिक से अधिक संतुष्ट रखा जाए। जब शिक्षक संतुष्ट होगा तो वह बच्चों की पढ़ाई पर भी ज्यादा ध्यान देगा। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कोई संस्थागत व्यवस्था बनाने के प्रयास कर रहे हैं ताकि शिक्षकों के समय और धन की बर्बादी हो।"-- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री हरियाणा हाईकोर्ट के मुकदमे निबटाने की कोशिश हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग के करीब साढ़े तीन हजार मामले पेंडिंग हैं। एसीएस, सचिव अथवा निदेशक स्तर पर इतने मुकदमों को संभाल पाना मुश्किल होता है। इसलिए लीगल असिस्टेंट (एलए) लगाए जाएंगे। ये अधिकारी के साथ कोर्ट जाकर प्रत्येक मामले की सुनवाई अटेंड करेंगे। प्रत्येक मामले में जवाब, शपथ-पत्र, अंडरटेकिंग आदि कार्रवाइयां तय समय से पहले करवाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं की होगी। |
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.