चंडीगढ़ : लिखने में असमर्थ दिव्यांग छात्र-परीक्षाओं में अब अपनी मर्जी का
लेखक ले सकेंगे। वर्षो से चली आ रही कम योग्यता और आयु के लेखक मिलने की
शर्त हटा दी गई है। यदि ऐसे छात्र किसी की मदद नहीं लेना चाहते तो उन्हें
पेपर हल करने के लिए हर घंटे पर 20 मिनट अतिरिक्त दिए जाएंगे। शिक्षा
मंत्री राम बिलास शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि दिव्यांगों के लिए अलग से
परीक्षा नीति बनाई जा रही है। 40 फीसद से अधिक दिव्यांग को लेखक/पाठक/लैब
असिस्टेंट मिलेगा, लेकिन इसके लिए परीक्षा फार्म भरते समय ही विवरण भरना
होगा। परीक्षार्थी चाहे तो अपने लेखक से परीक्षा से एक दिन पहले मिल भी
सकता है ताकि जांच कर सके कि वह सही है या नहीं। इसी तरह ऑनलाइन परीक्षा से
एक दिन पहले दिव्यांग को कंप्यूटर की जांच करने की अनुमति दी जाएगी ।
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