हिसार : प्राइवेट और सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों
और गैर शिक्षक स्टाफ को अब अपना चरित्र प्रमाण पत्र डीईओ कार्यालय में जमा
करवाना होगा, जिस कारण विभाग को पता रहे कि कौन से स्कूल में कौन सा सदस्य
कार्यरत है। कहीं किसी सदस्य पर कोई आपराधिक मामला तो दर्ज नहीं है। इसके
अलावा स्कूल में संबंधित शिक्षक और कर्मचारी का व्यवहार कैसा है। इससे
संबंधित सभी वेरिफेकेशन उसे डीईओ कार्यालय में जमा करवाना होगा।
शिक्षा विभाग ने साफ तौर पर निर्देश दे दिए हैं अगर किसी भी स्कूल के
मुखिया ने 15 दिन के अंदर सभी शिक्षकों और गैर शिक्षकों के चरित्र प्रमाण
पत्र कार्यालय में जमा नहीं करवाएं तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला
शिक्षा अधिकारी बलजीत सिंह सहरावत ने कहा कि प्रद्युम्न हत्याकांड के बाद
सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है। प्राइवेट और सरकारी अनुदान प्राप्त
स्कूलों में कार्यरत सभी स्टाफ को अपना चरित्र प्रमाण पत्र जमा करवाना
होगा, वरना मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने जिले के
462 स्कूलों को वेरिफेकेशन प्रमाण पत्र जमा करवाना होगा, जिनमें 450
प्राइवेट स्कूल और 12 सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल शामिल है। विभाग ने
स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षक हो या फिर कर्मचारी सभी को इस नियम का पालन
करना आवश्यक होगा। क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि स्कूलों में न तो शिक्षक
और न ही कर्मचारी से कोई चरित्र प्रमाण जमा करवाया जाता है, जिससे उनके
अतीत के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिलती है। इससे स्कूल में कभी भी
अनहोनी घटना घटित होने का खतरा बना रहता है।
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