चंडीगढ़ : केंद्र की नीति का अनुसरण करते हुए मनोहर सरकार तृतीय और चतुर्थ
श्रेणी पदों पर लिखित परीक्षाओं और मेरिट के आधार पर नौकरियां देगी। साथ ही
निकायों की प्रॉपर्टी पर लंबे समय से काबिज लोगों को मालिकाना हक दिया
जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली
मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर मुहर लग सकती है।
आधिकारिक तौर पर अभी तक
मंत्रियों के पास बैठक का एजेंडा नहीं पहुंचा है। संभवत: मंगलवार देर रात
या फिर बुधवार सुबह ही मंत्रियों को पता लगेगा कि कैबिनेट में किन-किन
मुद्दों पर चर्चा होनी है। दरअसल, कई मंत्रियों ने दलील दी है कि अगर
इंटरव्यू पूरी तरह से खत्म कर दिया गया तो शहरी युवाओं के मुकाबले गांवों
के युवा नौकरियों में पिछड़ जाएंगे। ऐसे में बैठक में इसका कोई न कोई
फामरूला निकाला जा सकता है।
तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में
इंटरव्यू खत्म करने से पहले सरकार ने उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश की
नीतियों का भी अध्ययन किया है। सूत्रों के मुताबिक इंटरव्यू खत्म करने के
बावजूद सरकार कोई ऐसी गुंजाइश रखेगी, ताकि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के
विद्याíथयों के अंतर को मिटाया जा सके। मसलन गांवों के स्कूलों में पढ़े
विद्याíथयों के लिए कुछ नंबर अलग से तय किए जा सकते हैं। ग्रामीण परिवारों
की प्रॉपर्टी, परिवारों की सालाना आय व खेती वाली जमीन के भी नंबर तय होने
की उम्मीद है।
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