.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Saturday, 2 June 2018

दबाव बनाने के लिए सत्याग्रह करेंगे कर्मी

** 55 हजार कच्चे कर्मचारी हुए एकजुट विरोध जताने को
** 12 जून से आंदोलन का पहला चरण 
** 17जून को दूसरे चरण में होगा सम्मेलन
चंडीगढ़ : राज्य में अपने भविष्य को लेकर चिंतित करीब हजार कच्चे कर्मचारी एकजुट हो गए हैं। हाई कोर्ट के कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने संबंधी पॉलिसी रद करने के फैसले पर रोक लगवाने तथा इस फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कराने के लिए कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। 1सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने इन कर्मचारियों की लड़ाई लड़ने का निर्णय लेते हुए जून को सभी जिला मुख्यालयों पर सत्याग्रह और प्रदर्शन करने का एलान कर दिया है। इन प्रदर्शनों के जरिये सरकार पर दबाव बनाया जाएगा कि वह सुप्रीम कोर्ट में दमदार पैरवी करते हुए कर्मचारियों के हितों की पैरवी करे। आंदोलन की अगली कड़ी में सभी विभागों, बोर्डो, निगमों, विश्वविद्यालयों और निकायों में काम करने वाले कच्चे कर्मचारी जून को रोहतक में राज्य स्तरीय सम्मेलन कर रणनीति तैयार करेंगे। इसके बाद भी यदि हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक तथा पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की गई तो 28 जून को जिला मुख्यालयों पर जेल भरो आंदोलन चलाए जाएंगे। तब कच्चे कर्मचारियों के हक में पक्के कर्मचारी भी सामूहिक गिरफ्तारियां देंगे। 
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मवीर फौगाट, महासचिव सुभाष लांबा और वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि हाई कोर्ट में सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से ऐसे हालात बने हैं। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने नियमितीकरण नीतियों में खामियां होने के बयान दिए थे, जिससे स्पष्ट है कि सरकार ने हाई कोर्ट में बिल्कुल भी मजबूत पैरवी नहीं की। 1धर्मवीर फौगाट व सुभाष लांबा के अनुसार यदि नियमितीकरण नीतियों में कमियां थी और सरकार को यह मालूम था तो एडवोकेट जनरल कार्यालय के वकीलों को मजबूती के साथ अदालत में क्यों नहीं खड़ा किया गया। इससे सरकार की कर्मचारियों के प्रति सोच तथा राजनीतिक दुर्भावना का भी पता चलता है। 

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.