नई दिल्ली : रोजगार की चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने छात्रों को
अब पढ़ाई के साथ रोजगार के योग्य तैयार करने की योजना पर काम शुरू किया
है। इसके तहत विश्वविद्यालय अब छात्रों को ग्रेजुएशन के साथ-साथ प्रोफेशनल
की डिग्री
भी देंगे।
इसके लिए उन्हें अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान एक हजार घंटे
का प्रैक्टिकल करना होगा। इसे लेकर खास तरह के कोर्स डिजाइन किए जा रहे
हैं, जो बीए प्रोफेशनल बीएससी प्रोफेशनल और बीकॉम प्रोफेशनल के नाम से जाने
जाएंगे। खास बात यह है कि यह सभी कोर्स ग्रेजुएट कोर्स की तरह तीन साल के
ही होंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार, सभी कोर्स
अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू हो जाएंगे। कोर्स के शुरू होने के बाद छात्रों
को ग्रेजुएशन के बाद नौकरी के अवसर मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि अभी
बीए, बीएससी और बीकॉम की पढ़ाई पूरी करने वालों के पास कोई स्किल नहीं होने
से रोजगार के अवसर नहीं मिल पाते हैं। नया कोर्स तैयार करने में जुटे
अधिकारियों के मुताबिक, इनमें एक हजार घंटे के प्रैक्टिकल को बाजार की
जरूरत के हिसाब से रखा जाएगा।
इस सब के बीच यूजीसी ने इन प्रोफेशनल कोर्स
को लेकर देश भर के विवि से राय भी मांगी है। साथ ही इसके लिए निजी क्षेत्र
में काम करने वाली कंपनियों से भी सलाह लेने का फैसला लिया गया है। मौजूदा
समय में सरकार ने ऐसी पहल स्कूली शिक्षा में भी की है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.