कुरुक्षेत्र : राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि यदि
विश्वविद्यालय में शोध कार्य नहीं हो रहे और छात्रों को सही शिक्षा नहीं दी
जा रही है तो समङिाये कि वे वेतन लेकर सिर्फ पेट भर रहे हैं। शिक्षा
प्रदान कर देश के भविष्य को नई राह देने का कार्य अमूल्य है। जिन शिक्षकों
ने अपना जीवन शिक्षा को दिया है वे सही अर्थों में राष्ट्र की सेवा कर रहे
हैं। वे शुक्रवार को प्रदेश के विश्वविद्यालयों में ‘शैक्षणिक व आर्थिक
प्रबंधन’ विषय पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित दो
दिवसीय कार्यशाला में शिरकत करने पहुंचे थे। कार्यशाला का आयोजन राज्य
उच्चतर शिक्षा परिषद की ओर से किया गया है। राज्यपाल ने कहा कि शादी में
दहेज लेने वाली शिक्षा नहीं बल्कि अपने पैरों पर खड़ा होने वाली शिक्षा
युवाओं को देनी चाहिए। छात्रों को चरित्र के बारे में जगाना जरूरी है।
उन्होंने महापुरुषों के जन्म दिवस व पुण्यतिथि पर शैक्षिक संस्थानों में
छुट्टी रद करने की सराहना करते हुए कहा कि यह जरूरी है। युवाओं के चरित्र
निर्माण के लिए इस दिन संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित कर महापुरुषों
संघर्ष और संकल्प के बारे में बताना चाहिए। राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के
अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने बताया कि बैठक में विश्वविद्यालयों के
प्रशासन में मुख्य भूमिका निभाने वाले छह प्रकार के अधिकारियों को बुलाया
गया है।
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