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Tuesday 3 March 2015

6 माह तो दूर एक वर्ष में एक बार भी नहीं हो रही पात्रता परीक्षा

** समय पर पात्रता परीक्षा नहीं होने से बढ़ी परीक्षार्थियों की संख्या 
** कोर्स के बाद भी बिना पात्रता के नहीं खड़े हो सकते लाइन में 
** वर्ष 2014 में नहीं हुई परीक्षा, इस वर्ष अप्रैल-मई में होने की संभावना
महेंद्रगढ़ : सरकारी शिक्षक बनने की आशा लेकर हर वर्ष लगभग एक लाख विद्यार्थी अध्यापक प्रशिक्षण कोर्स सरकारी तथा निजी संस्थानों से कर लेते हैं परंतु सरकारी अध्यापक बनने की कैटेगरी में आने के लिए उनके सामने पात्रता परीक्षा पास करना एक बड़ी चुनौती है। वर्ष 2014 में पात्रता परीक्षा का आयोजन ही नहीं किया गया। इस वर्ष पात्रता परीक्षा का आयोजन अप्रैल या मई माह में होने की संभावना है। 
परीक्षा को इस बार ऑनलाइन करने के साथ-साथ आवेदनों को भी ऑनलाइन करने की योजना है। ऑनलाइन परीक्षा होने से विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए दूर-दराज के जिलों में नहीं भटकना पड़ेगा। वर्ष 2008 में शुरू की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा के बाद प्रशिक्षित अध्यापकों की संख्या तो लगातार बढ़ी, परंतु पात्रता पास अध्यापकों की संख्या उस गति से नहीं बढ़ पाई। इस बार हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने अध्यापकों के लिए आयोजित की जाने वाली अध्यापक पात्रता परीक्षा को ऑनलाइन करने की तैयारियां शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार मार्च माह में 10वीं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के चलते पात्रता परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया। अप्रैल या मई माह में इस परीक्षा का आयोजन किए जाने की संभावना है। 
हर वर्ष नहीं हो सकी परीक्षा 
अध्यापक पात्रता परीक्षा वर्ष 2008 में शुरू की गई थी। इस समय सरकार ने यह परीक्षा लागू करते समय कहा था कि यह परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी। परंतु ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो पाया। वर्ष 2010 में यह परीक्षा नहीं हुई। इसके बाद वर्ष 2012 में भी ऐसे ही निकल गया। वर्ष 2014 में भी अध्यापक पात्रता परीक्षा नहीं हो सकी। पात्रता परीक्षा पास कर सरकारी अध्यापक बनने की लाइन में लगने वाले युवाओं का सपना धरा रह गया। 
हर बार क्यों बढ़ रहे हैं परीक्षार्थी 
प्रदेश सरकार ने वादे के मुताबिक पात्रता परीक्षा संचालिका नहीं कर सकी। यही कारण है कि हर बार आवेदकों की संख्या बढ़ती गई। दूसरा मुख्य कारण पात्रता परीक्षा का हर बार परिणाम भी काफी निराशाजनक रहा। अक्टूबर 2008 में पहली बार अध्यापक पात्रता परीक्षा शुरू की गई, उस समय इस परीक्षा में एक लाख 73 हजार परीक्षार्थी बैठे। इसके बाद जुलाई 2009 में आयोजित पात्रता परीक्षा में यह संख्या घटी, तब एक लाख 31 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। इसी वर्ष दिसंबर में आयोजित हुई परीक्षा में एक लाख 62 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया। वर्ष 2013 में परीक्षार्थियों की संख्या ने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर करते चार लाख से भी अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी, परंतु परीक्षा का परिणाम काफी निराशाजनक रहा। परिणाम केवल पांच प्रतिशत रहा। इस बार आयोजित होने वाली अध्यापक पात्रता में भी परीक्षार्थियों की संख्या साढ़े चार लाख से भी अधिक पहुंचने की संभावना है।                                    dbnrnl

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