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Tuesday 10 March 2015

शिक्षकों ने नई परीक्षा प्रणाली के विरोध में प्रदर्शन किया

** संघ सदस्य बोले-एक्सग्रेशिया एलटीसी को बजट पूरे प्रदेश में नहीं भेजा 
फतेहाबाद : पहली से आठवीं कक्षा तक की मार्च परीक्षा 2015 प्रणाली के खिलाफ सोमवार को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से जुड़े अध्यापक सड़कों पर उतर आए। अध्यापक बोले कि जब पहली से आठवीं कक्षा के पहले समेस्टर की परीक्षा बीते साल सितंबर में हो चुकी है तो अब पूरे पाठ्यक्रम में से परीक्षा लेने का कोई औचित्य नहीं है। मार्च परीक्षा का विरोध दर्ज कराने के लिए गुस्साए अध्यापकों ने डीईओ कार्यालय के समक्ष धरना दिया और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अध्यापकों का नेतृत्व अध्यापक संघ के जिला प्रधान रघुनाथ मेहता कर रहे थे। मंच संचालन अध्यापक संघ के सचिव कृष्ण नैन ने किया। 
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए अध्यापक संघ के राज्य महासचिव सीएन भारती ने कहा कि पहली से आठवीं कक्षा की मार्च परीक्षा प्रणाली को लेकर अध्यापकों में रोष है। इस परीक्षा को लेकर शिक्षा अधिकारी अध्यापकों पर यकीन करके उनको मूल स्कूलों से बाहर ड्यूटी लगा रहे हैं जिसका तो कोई मानदेय और ही कोई टीए डीए दिया जा रहा है। पिछले साल भी तीसरी पांचवीं कक्षाओं की परीक्षा का कोई मानदेय नहीं दिया गया था। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अध्यापकों की मांगें नहीं मानी तो हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ और प्राथमिक अध्यापक संघ से जुड़े सभी अध्यापक मिलकर परीक्षाओं का बायकाट करेंगे। 
अध्यापक संघ के जिला प्रधान रघुनाथ मेहता ने कहा कि केंद्र राज्य सरकार एक सोची समझी साजिश के तहत शिक्षा के पाठ्यक्रम में गैरवैज्ञानिक अतर्क संगत बातों का लाना चाहती है। शिक्षा विभाग के अधिकारी मासिक टैस्टों को भी ऑनलाइन करवा रहे हैं जबकि 90 फीसदी स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा भी नहीं है। सारा खर्च का भार अध्यापकों को ही वहन करना पड़ रहा है। 
कंप्यूटर शिक्षक भी आंदोलनरत हैं। अनुबंध शिक्षकों को पक्का नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि अगले सत्र से समेस्टर सिस्टम खत्म हो, सालाना आधार पर परीक्षाएं हों और शिक्षा बोर्ड स्वयं परीक्षा केंद्र तक प्रश्नपत्र पहुंचाए और उत्तर पुस्तिकाएं एकत्र करे। अध्यापक संघ के जिला सचिव कृष्ण नैन ने कहा कि सरकार अनुबंध आधार पर कार्यरत अध्यापकों और कंप्यूटर शिक्षकों को बिना देरी किए पक्का करे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने शिक्षा बजट में 13000 करोड़ रुपये की कटौती की है। अध्यापक संघ के राज्य कमेटी सदस्य राजपाल मिताथल ने कहा कि प्लान, नाॅन प्लान, एक्सग्रेशिया और एलटीसी का बजट भी पूरे प्रदेश में नहीं भेजा जा रहा है जिसके कारण वेतन समयानुसार नहीं मिल रहा है। लंबे समय से जेबीटी से प्राचार्य तक की कोई पदोन्नतियां भी नहीं हुई हैं। 
जेबीटी सी एंड वी अध्यापकों को अंतरजिला स्थानांतरण नीति बनाकर वरिष्ठता के आधार पर पद उपलब्ध होने पर समयानुसार स्थानांतरण किया जाना चाहिए ताकि अध्यापक अपने गृह क्षेत्र में अच्छी सेवाएं दे सकें।                                           db

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