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Sunday 15 March 2015

बीईईओ कार्यालय से वापस जाएंगे क्लर्क,अटकेंगे काम

** डेपुटेशन पर कार्य कर रहे कर्मियों को रिलीव करने के लिए विभाग का फरमान
रेवाड़ी : डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति) पर कार्य कर रहे कर्मियों को रिलीव कर वास्तवितक पोस्टिंग पर भेजे जाने के विभाग के फरमान ने एक बार फिर बीईईओ कार्यालयों में क्लर्कों को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। विभाग द्वारा सभी जिलों में डेपुटेशन पर लगे कर्मचारियों को रिलीव किए जाने के निर्देशों को दोहराते हुए कर्मचारी या अधिकारी के जिला में डेपुटेशन पर नहीं होने का प्रमाण तक भी मांगा है। जिले में करीब 15 कर्मचारी डेपूटेशन पर कार्य कर रहे हैं। 
सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय की ओर से जनवरी में पत्र जारी कर प्रदेशभर में डेपुटेशन पर लगे कर्मचारियों को वापस अपनी वास्तवितक पोस्टिंग पर जाने के निर्देश जारी किए। निर्देशों की पालना के तहत रेवाड़ी जिला में भी डेपुटेशन पर नौकरी कर रहे कर्मियों को अपनी वास्तविक पोस्टिंग पर भेज दिया गया। मगर बीईईओ कार्यालयों में डेपुटेशन पर काम कर रहे क्लर्कों को रिलीव नहीं किया जा सका। क्योंकि बीईईओ कार्यालयों में क्लर्कों की कोई पोस्ट नहीं है, इनमें मिडिल स्कूलों से डेपुटेशन पर ही क्लर्क लिए गए हैं। इस कारण बीईईओ ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से विभाग को पत्र भेजा कि उनके कार्यालय में क्लर्क ही नहीं रहेंगे तो काम पूरी तरह रुक जाएगा। 
हालांकि बीईईओ को विभाग से इस बारे में कोई जवाब नहीं मिला। मगर अब करीब 9 सप्ताह बाद 8 मार्च को फिर से डेपुटेशन कर्मियों कोने लेकर पत्र जारी किया है। निर्देशों में कहा गया है कि जिला के अधिकारी इसका प्रमाण भेजें कि उनके जिलों में अब कोई भी कर्मचारी डेपुटेशन पर काम नहीं कर रहा है। बीईईओ कार्यालयों को लेकर अब डीईईओ खुद असमंजस में हैं कि क्लर्क हटाकर कैसे कार्यालय खाली करें। 
कैसे चलेगा बीईईओ कार्यालय : डीईईओ 
"निदेशालय की ओर से अब फिर से पत्र जारी कर डेपुटेशन कर्मियों को रिलीव के निर्देश दिए हैं। अब दुविधा ये कि बिना क्लर्क किसी भी कार्यालय का क्या अस्तित्व। इसलिए अब निदेशालय को रिपोर्ट भेजने से पहले पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा गया है कि ऐसे में क्या कदम उठाए जाएं।"-- आरपी सांगवान, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, रेवाड़ी। 
विभाग के ऑर्डर पर, विभाग के जवाब का इंतजार 
दो माह पूर्व भी क्लर्कों को रिलीव करने के ऑर्डर पर बीईईओ द्वारा क्लेरीफिकेशन डाला गया था। अब फिर से विभाग के लेटर जारी होने के बाद विभाग से पूछा गया है। हालांकि इस बारे में विभाग से कोई जवाब नहीं मिला है। इस कारण जिला के किसी भी खंड से क्लर्कों को रिलीव नहीं किया गया है। 
क्लर्कों को रिलीव किया तो होगा विरोध 
खंड स्तर पर बीईईओ कार्यालयों में पहली से 8वीं कक्षा तक के स्कूलों के डाटा कलेक्शन, मिड-डे मील संबंधी रिकॉर्ड, स्कूलों में स्टाफ, बच्चों का रिकॉर्ड डाक भेजने आदि काम क्लर्कों के माध्यम से ही होता है। जबकि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों की जिम्मेदारी बीईओ कार्यालय के लिए निर्धारित की गई। 3 साल पहले ही बने बीईईओ कार्यालयों में अपने क्लर्क नहीं होने के कारण उधार के क्लर्कों से ही काम चलाया जा रहा है। इसके अलावा शिक्षकों के एलटीसी एसीपी मामले भी क्लर्कों के माध्यम से ही विभाग के पास जाते हैं, इस कारण प्राथमिक शिक्षक संघ भी लगातार मांग कर रहा है कि यहां पर क्लर्कों की स्थाई नियुक्तियां हों, क्लर्क रिलीव हुए तो विरोध किया जाएगा। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के साथ हुई बैठक में बीईईओज ने भी लिखित में पूछा कि जब क्लर्क ही नहीें रहेंगे तो कार्यालय में काम कैसे होगा।                                              db

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