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Tuesday 10 March 2015

पहले दिखाया पास, एक साल बाद भेजा रि-अपीयर का सर्टिफिकेट

** बोर्ड का कारनामा : गुरावड़ा की छात्रा को 10वीं में रि-अपीयर दिखाकर रि-चेकिंग में किया था पास, अब दिखाया अनुपस्थित 
कोसली : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 10वीं की छात्रा को पास दिखाया, छात्रा ने अगली क्लास में दाखिला ले लिया, अब एक साल बाद बोर्ड ने ही छात्रा की रि-अपीयर की नई सर्टिफिकेट घर भेज दी। बोर्ड के इस कारनामे ने छात्रा के भविष्य के साथ ही अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। 
गुरावड़ा निवासी अंजली पुत्री राजेश कुमार गांव के ही राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 11वीं में पढ़ती है। अंजली ने 10वीं की पढ़ाई भी इसी स्कूल से की थी। उस समय 10वीं के द्वितीय सेमेस्टर के परिणाम में छात्रा को विज्ञान विषय में रि-अपीयर दिखा दिया गया था। इस पर अभिभावकों ने छात्रा का रि-चेकिंग फॉर्म भरवा दिया गया। रि-चेकिंग के घोषित परिणाम छात्रा में को पास कर दिया गया। अब सालभर बाद बोर्ड की तरफ से नई सर्टिफिकेट भेज छात्रा को फिर अनुपस्थित दिखा दिया है। 
छात्रा ने बोर्ड द्वारा भेजी गई 10वीं की पास सर्टिफिकेट के आधार पर 11वीं कक्षा में गुरावड़ा स्कूल में ही दाखिला ले लिया। यहां तक कि ये सत्र भी अब पूरा होने को है, यानि छात्रा अब 12वीं कक्षा में दाखिला लेगी। मगर इस बीच विभाग की तरफ से अब एक सप्ताह पूर्व ही नई सर्टिफिकेट डाक के माध्यम से घर भेज दी गई है। 
चौंकाने वाली बात है कि इसमें छात्रा 10वीं के द्वितीय सेमेस्टर में विज्ञान विषय की परीक्षा में अनुपस्थित दिखाते हुए रि-अपीयर दिखाने के साथ ही प्रथम सेमेस्टर के विज्ञान विषय की परीक्षा में भी अनुपस्थित दर्शा दिया है। एक साल बाद विभाग ने यह कारनामा कर बड़ा झटका दिया है, जिसने छात्रा के भविष्य को लेकर बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। 
सवाल : अब छात्रा फेल या पास 
सर्टिफिकेट मामले ने निश्चित रूप से अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। अब सवाल ये है कि बोर्ड के रिकॉर्ड में छात्रा फेल है या पास। वहीं यदि ये सर्टिफिकेट गलती से भेजी गई तो इस तरह की सर्टिफिकेट तैयार कैसे हो गई। इसमें फोटो अलग तथा छात्रा के अंकों का विवरण अलग-अलग कैसे दर्शाया गया है। इसके अलावा सर्टिफिकेट एक साल भेजे जाने का क्या तुक। 
"कहीं कहीं चूक हुई है। इसके लिए छात्रा को एप्लीकेशन देकर अपने डॉक्यूमेंट्स बोर्ड में भेजने चाहिए या खुद संपर्क करें। खामी होगी तो बोर्ड द्वारा तुरंत प्रभाव से दूर की जाती हैं।"-- संगीता यादव, जिला शिक्षा अधिकारी।                                                            dbrwd
फोटो अलग, बाकी सब समान 
विभाग द्वारा भेजी गई नई सर्टिफिकेट में एक और अंतर नजर रहा है इसमें फोटो किसी अन्य की लगाई गई है। जबकि छात्रा का नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि के साथ ही परीक्षाओं में प्राप्त किए गए अंक तक पहली दोनों सर्टिफिकेट से मैच करते हैं।

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