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Sunday 14 June 2015

स्कूली शिक्षा की दिशा में अध्यापकों ने उठाए सवाल

भिवानी : महम रोड स्थित पीडब्ल्यूडी 41 सर्व कर्मचारी संघ के कार्यालय में रविवार को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की जोनल स्तरीय कनवेंशन आयोजित की गई। इसमें स्कूली शिक्षा की दिशा व दशा के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। कनवेंशन में महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व भिवानी के सैकड़ों अध्यापकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रधान सुखदर्शन सरोहा व संचालन जिला सचिव कृष्णा सिवाच ने किया। कनवेंशन में मुख्यवक्ता के रूप में राज्यसंगठन सचिव मा. बलबीर ¨सह रहे। मा. जगरोशन, रमेश जाखड़, धर्मपाल शर्मा ने भी संबोधित किया। मा. बलबीर ¨सह ने कहा कि सरकार सार्वजनिक शिक्षा को तहस-नहस करके इसका निजीकरण व व्यापारी करण करना चाहती है। संघ इसका डटकर विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी व अध्यापक भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएगा, बशर्ते सरकार विद्यालयों की मूल-भूत आवश्यकताओं को पूरा करे व सभी विषयों के अध्यापक उपलब्ध करवाए। मा. धर्मपाल शर्मा ने बताया कि सरकार अपने शिक्षा देने के सवैधानिक उत्तरदायित्व से पीछे हट रही है व इसको बाजार के हवाले करने जा रही है। जिसका संचालन कारपोरेट सैक्टर के पूंजीपति करेंगे जिससे भविष्य में शिक्षा महंगी होगी व आम आदमी की पहूंच से दूर हो जाएगी। उन्होंने उपस्थित अध्यापकों से आहवान किया की वे ईमानदारी व प्रतिबद्धता से अपना शिक्षण कार्य करें। जगरोशन ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार शिक्षा में कोई सुधार न करके बोर्ड के रिजल्ट के नाम पर अध्यापकों को बदनाम कर रही है। प्रदेश में लंबे समय से शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत न अध्यापकों की भर्ती की जा रही है और न ही रेशनेलाईजेशन व पदोन्नतियां की जा रही हैं। 12वीं व 10 वीं के परीक्षा परिणाम के लिए अकेले अध्यापकों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता इसके लिए सभी पहलूओं की समीक्षा करके अध्यापकों को विश्वास में लेकर प्रदेश में एक शैक्षणिक वातावरण बनाकर शिक्षा के बचाया जाना चाहिए। आज अध्यापक की शिक्षा व प्रशिक्षण पर विचार करने की आवश्यकता है ताकि शिक्षा की गुणवता को सुधारा जा सके।                                                                        dj6:46

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