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Wednesday 13 April 2016

स्कूली शिक्षा की व्यवस्था बदलने की घोषणाएं तो हुईं लेकिन लागू अभी तक नहीं

** विद्यार्थी शिक्षक असमंजस में 
सोनीपत : विद्यार्थी और शिक्षक इन दिनों असमंजस में है। इसकी वजह है परीक्षा व्यवस्था में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से किया गया बदलाव। सीबीएसई की ओर से जहां इस सत्र में कक्षा दसवीं के होम एग्जाम खत्म हुए हैं तो हरियाणा बोर्ड की ओर से सेमेस्टर सिस्टम खत्म किया गया है। लेकिन यहां शिक्षक से लेकर विद्यार्थी के सामने परेशानी यह है कि तो सीबीएसई की ओर से अभी तक होम एग्जाम खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी हुआ है और ही हरियाणा बोर्ड में वार्षिक परीक्षा के आधार पर तैयारी शुरू की गई है। अभी सभी कुछ संभावनाओं पर आधारित होकर काम चल रहा है। 
25 अप्रैल से होने हैं मासिक टेस्ट
हरियाणा बोर्ड के नए सेशन को शुरू हुए 12 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग ने सिलेबस अपडेट नहीं किया है। सिलेबस का फॉर्मेट स्कूलों तक नहीं पहुंचा है। यह स्थिति तब है जब इसी महीने 25 अप्रैल से 30 अप्रैल तक मंथली टेस्ट लिए जाने है। विदित हो कि शिक्षा विभाग ने 2016-17 के सेशन में 10वीं और 12वीं दोनों में सेमेस्टर सिस्टम को बंद कर दिया है, साथ ही सिलेबस में भी काफी बदलाव किया गया है। ऐसे में टीचर्स को नए फॉर्मेट की जरुरत पड़ रही है जिसके बारे में कोई जानकारी उनके पास नहीं है। जबकि सेशन के शुरू होने के साथ ही विभाग की ओर से सभी कक्षाओं का सिलेबस अपडेट करना होता है। जिसमें मंथ वाइज सिलेबस को डिवाइड करके दिया जाता है। 
अब तक किताबें तक नहीं पहुंची 
बोर्ड कक्षाओं में तो असमंजस की स्थिति है ही सरकारी स्कूलों में छोटी कक्षाओं का हाल भी कुछ अच्छा नहीं है, क्योंकि अभी तक स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची है। ऐसे में सिलेबस का स्वरूप क्या होगा, क्या किताबें सेमेस्टर के आधार पर आएंगी अथवा वार्षिक आधार पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। शिक्षक परेशान हैं, लेकिन उनकी परेशानी का हल अभी बोर्ड की ओर से मुहैया नहीं करवाया जा सका है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रवक्ता दिनेश छिक्कारा के अनुसार स्कूलों में अभी तक बोर्ड की ओर से किताबें नहीं पहुंचने से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है, उम्मीद है कि जल्द ही बच्चों को किताबें मिलेगी। 
होम एग्जाम का विद्यार्थियों पर यह पड़ता है असर
सीबीएसई की ओर से बोर्ड परीक्षा 2008-09 के सत्र में तब बंद की गई थी जब यह कहा जा रहा कि बच्चों पर बोर्ड एग्जाम का फोबिया हावी हो गया है। लेकिन उसके नकारात्मक परिणाम स्कूलों एवं अभिभावकों को तब देखने को मिले जब विद्यार्थियों के परीक्षा में गंभीरता नहीं दिखाने की शिकायत बढ़ी। यहां कुछ स्कूलों पर आरोप भी लगा कि वे अपनी मनमर्जी से परिणाम भी तय करवाते हैं तथा फिर विद्यार्थियों को साइंस एवं कामर्स स्ट्रीम देने में भी मनमर्जी कर रहे हैं। बोर्ड की अाेर से इस संदर्भ में स्कूल प्रिंसिपलों की ओर से की गई रायशुमारी में भी तय किया गया था बोर्ड एग्जाम फिर से होने चाहिए।
"सीबीएसई की ओर से इस सत्र से होम एग्जाम खत्म किए जाने हैं, लेकिन अभी तक इस संदर्भ में बोर्ड की ओर से कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। जब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं होता तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है। ।''-- वीके मित्तल,अध्यक्ष सहोदय।                                                      db

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