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Sunday 17 April 2016

कर्मचारियों को पास बैठा सरकार ने मानीं मांगें… पर डगर अभी कठिन

** छठे वेतन आयोग की सिफारिशें डेढ़ माह में लागू करने का दिलाया भरोसा 
** सातवें वेतन आयोग के लिए सरकार ने किया ‌~4 हजार करोड़ का प्रावधान
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार और कर्मचारियों के बीच शनिवार को बैठक में एक दर्जन से अधिक मांगों को स्वीकार कर लिया गया। आधा दर्जन से अधिक ऐसी मांगें हैं, जिन पर ठोस फैसला नहीं हो सका। पंजाब के समान वेतनमान एवं भत्ते देने, कैशलेस मेडिकल सुविधा, परिवहन की नयी नीति को रद्द करके रोडवेज बेड़े में 5 हजार नयी बसें शामिल करने और निजीकरण, ठेकाप्रथा, आउटसोर्सिंग व पीपीपी नीति पर बात सिरे नहीं चढ़ सकी। वहीं, कर्मचारी महासंघ ने मीटिंग को सकरात्मक बताते हुए कहा है कि अगर मांगें एक माह के अंदर पूरी नहीं की तो फिर आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा
बोर्ड कर्मचारियों पर नयी रिपोर्ट
राज्य के बोर्ड एवं निगमों के कर्मचारियों की मांगों की सुनवाई जी़ माधवन आयोग द्वारा नहीं की गयी। कर्मचारी महासंघ की मांग पर सरकार बोर्ड-निगमों के कर्मचारियों के लिए आईएएस अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाने पर सहमत हुई है। यह कमेटी दो महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी। ड्राइवर-कंडक्टर होंगे नियमित
वर्ष 2003 से लेकर 2014 तक भर्ती किये गये 8200 चालक-परिचालकों की सेवाएं नियमित की जाएंगी। इन कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी तो हुड्डा सरकार में ही हो चुकी है लेकिन सर्विस बुक में इन्हें नियमित नहीं किया गया है। अब इन्हें डेट ऑफ ज्वाइनिंग से नियमित करने पर सहमति बनी है।
इंश्योरेंस स्कीम का दायरा बढ़ेगा
ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम (जीआईएस) के तहत अभी तक कर्मचारियों के वेतन से 30 रुपए काटे जा रहे हैं। 30 रुपये के बदले कर्मचारियों को 30 हजार रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलता है। कर्मचारियों ने 150 से 200 रुपये काटने की मांग की है। इस पर सरकार ने जल्द फैसला लेने का भरोसा दिया है।
सभी के लिए ट्रांसफर पॉलिसी
कर्मचारियों ने तबादलों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को बिना किसी कारण ट्रांसफर कर दिया जाता है। सरकार इस बात पर सहमत हुई है कि सभी विभागों में तबादलों के लिए नीति बनायी जाएगी। शिक्षकों के तबादलों के लिए नीति पहले ही बन चुकी है, जो इसी महीने घोषित भी होने वाली है।
बिजली निगमों के फैसले पर रोक
राज्य के बिजली निगमों द्वारा 23 सब-डिवीजनों में पावर स्टेशनों को ठेके पर निजी कंपनियों को दिए जाने के फैसले को सरकार ने फिलहाल रोक दिया है। कर्मचारियों के विरोध के बाद सरकार ने 15 दिनों के लिए इस फैसले को रोकते हुए, इस पर दोबारा से विचार करने को कहा है।
वेतन पर बन गयी बात
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट से पहले छठे वेतन आयोग की विसंगतियां डेढ़ महीने में दूर कर दी जायेंगी। कर्मचारियों की मांगों को लेकर जी़ माधवन आयोग द्वारा दी गयी रिपोर्ट को सरकार लागू करेगी। एक सप्ताह में इसका अध्ययन कर लिया जाएगा।
इनका अटका मामला 
आंगनवाड़ी वर्करों को नियमित करने से तो सरकार ने यह कहते हुए इंकार कर दिया है कि वे वर्कर केंद्र सरकार की योजना के तहत लगी हुई हैं। साथ ही, सरकार ने उनके ड्यूटी टाइम में एक घंटे की कटौती कर दी है। अब वे सुबह पौने आठ बजे से लेकर दोपहर बाद पौने दो बजे तक ड्यूटी किया करेंगी।
इनको अभी भी उम्मीद
आंगनवाड़ी वर्करों, स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत महिला कर्मचारियों व अन्य महिला वर्करों की मांगों के बारे में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने बुधवार को बैठक बुलाई है।                                                                  dt

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