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Saturday 30 April 2016

नई ट्रांसफर नीति पर लगी मुहर

** अब मंत्रियों के हाथों में नहीं रहेंगे शिक्षकों के तबादले
** ऑनलाइन होंगे तबादले, ट्रांसफर से पहले हर वर्ष होगा पदों का पुनस्र्थापन
** मनचाहा स्टेशन पाने की कोशिश में जुटे शिक्षकों की इच्छा भी अब पूरी नहीं हो सकेगी
चंडीगढ़ : प्रदेश के शिक्षकों के तबादले अब मंत्रियों व विधायकों के हाथों में नहीं रहेंगे। मनचाहा स्टेशन पाने की कोशिश में जुटे शिक्षकों की इच्छा भी अब पूरी नहीं हो सकेगी। मनोहर सरकार ने शिक्षकों के तबादलों के लिए शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के नेतृत्व में बनाई गई तबादला नीति पर शुक्रवार को मनो मंत्रिमंडल ने अपनी मुहर लगा दी। 
शिक्षा विभाग की वर्तमान तबादला नीति वर्ष 2010-11 के लिए अनुमोदित की गई थी, जोकि वर्तमान में भी लागू है। नई प्रस्तावित स्थानांतरण नीति समानता, अध्यापकों के मांग आधारित वितरण के आधार पर तैयार की गई है ताकि बच्चों के शैक्षणिक हितों को सुरक्षित किया जा सके व निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से अध्यापक नौकरी से संतुष्टि का अनुभव कर सकें। स्थानांतरण नीति सभी अध्यापक वर्ग, जिसमें प्रधानाचार्य व मुख्याध्यापक भी शामिल हैं, पर लागू होगी। उक्त स्थानांतरण नीति लिपिक वर्गीय संवर्ग, खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी व प्रधानाचार्य डाईट पर लागू नहीं होगी। हर वर्ष स्थानान्तरण से पहले पदों का पुनस्र्थापन/पुनर्विभाजन किया जाएगा। रिक्तियों का सकेंद्रण केवल कुछ ही विद्यालय में न हो इसके लिये सभी रिक्तियों को सभी विद्यालयों में आनुपातिक रूप में विभाजित किया जाएगा। कर्मचारियों के स्थानांतरण हेतु सभी जिलों के सरकारी विद्यालयों को सात क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा। अध्यापक अपने इच्छित क्षेत्रों/विद्यालयों को वरीयता अनुसार चुन सकेगा। कर्मचारी को उस द्वारा मांगे गये क्षेत्र/विद्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा। उसकी इच्छा का कोई विद्यालय न मिलने पर ही उसे अन्य विद्यालयों में नियुक्ति करने हेतु विचारा जाएगा, जो अध्यापक राज्य में कहीं भी नियुक्त करने के लिये अपनी इच्छा जाहिर करता है और सरकार उसको मोरनी या मेवात क्षेत्र जैसे कठिन क्षेत्र में नियुक्त करती है तो वह अपने बेसिक वेतन का 10 प्रतिशत व उस पर अर्जित डीए का पात्र होगा। पहली बार नियुक्ति पाने वाले अध्यापक चाहे वह नई नियुक्ति हो या पदोन्नति, भी उनकी इच्छा के क्षेत्र व विद्यालय चुनेंगे। अध्यापक प्रत्येक 10 वर्ष उपरांत क्षेत्र का विकल्प बदल सकेंगे तथा चुने गये क्षेत्र के अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष विद्यालयों का चयन कर सकेंगे। 1सामान्य स्थानान्तरण केवल राज्य सरकार के निर्धारित समय अनुसार ही होंगे तथापि प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण, मिसल पर कारण अंकित करते हुए सरकार की पूर्व अनुमति उपरांत, वर्ष में किसी भी समय किये जा सकेंगे। स्थानान्तरण केवल रिक्ति के विरुद्ध किए जाएंगे जिसकी परिभाषा स्थानान्तरण नीति में दी गई है। 50 वर्ष से कम आयु के किसी पुरुष अध्यापक को लड़कियों के विद्यालय में नियुक्त नहीं किया जाएगा। दिव्यांग व्यक्तियों के मामले में 40 से 70 प्रतिशत के बीच विकलांगता के लिए 15 अंक और 70 से 100 प्रतिशत तक विकलांगता के मामले में 20 अंक दिए जाएंगे। 
एक रिक्ति पर एक से अधिक दावेदारों की स्थिति में रिक्ति पर स्थानांतरण कुल 78 अंकों (58 अंक आयु के लिए व 20 अंक विशेष वर्ग के लिए जैसे कि महिलाएं, विधवा, दिव्यांग व्यक्तियों, गंभीर बीमारी एवं परीक्षा परिणाम में सुधार दर्शाने वाले अध्यापकों) में से अध्यापकों द्वारा अर्जित अंकों के आधार पर किया जाएगा। अविवाहित महिला अध्यापिका को विवाह उपरांत अपने क्षेत्र का विकल्प बदलने का एक मौका दिया जाएगा। विवाहित अध्यापिका या अध्यापक के जीवन साथी की मौत हो जाने पर भी विकल्प बदलने का एक मौका दिया जाएगा।                                                       dj

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