.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Thursday 21 April 2016

कर्मचारी पेंशन स्कीम में हो सकता है बदलाव

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से निकासी को लेकर फरवरी की अधिसूचना रद होने के साथ ही कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में संशोधन की उम्मीदों को बल मिला है। कर्मचारी संगठनों ने 15 हजार रुपये से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाने के लिए ईपीएस में नियोक्ताओं का योगदान 8.33 फीसद से बढ़ाकर 9.99 फीसद करने का सुझाव दिया है।
ईपीएस का संचालन ईपीएफ के पैसे से ही होता है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान होता है। ईपीएफ के लिए प्रत्येक नियोक्ता को कर्मचारी के वेतन से 12 फीसद राशि काटकर कर्मचारी के ईपीएफ खाते में जमा करानी पड़ती है। इतनी ही राशि वह अपनी ओर से भी जमा करता है। नियोक्ता की ओर से जमा कराई जाने वाली इस राशि में 3.67 फीसद राशि ईपीएफ में जाती है, जबकि शेष 8.33 फीसद पैसा ईपीएस के खाते में जाता है। अभी 15 हजार रुपये तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के पेंशन खाते में 1.66 फीसद राशि का योगदान सरकार की ओर से भी किया जाता है। इससे अधिक वेतन पाने वालों को सरकार कोई मदद नहीं देती। नतीजतन कम वेतन वालों को तो न्यूनतम एक हजार रुपये पेंशन मिलने लगी है, लेकिन इससे जरा भी अधिक वेतन पाने वाले लाखों कर्मचारी या तो ईपीएस पेंशन से वंचित हैं या निजी पेंशन स्कीमों पर निर्भर हैं। कर्मचारी संगठनों ने इसे लेकर सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने कहा कि 15 हजार रुपये से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाने के लिए उनके ईपीएस खाते में नियोक्ता के 8.33 फीसद योगदान के साथ ईपीएफ के शेष 3.67 फीसद योगदान से भी 1.66 फीसद काटकर ईपीएस खाते में डाला जाना चाहिए। इससे सरकार के योगदान के बगैर ही इन कर्मचारियों की पेंशन बढ़ जाएगी। कर्मचारी भी शायद ही इसका विरोध करेंगे।                                                dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.