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Tuesday 6 May 2014

शिक्षकों के 14 हजार पद खतरे में


प्रदेश सरकार द्वारा एकाएक बोतल से निकाला गया रेशनेलाइजेशन का जिन्न अब शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इन दिनों प्रदेश का शिक्षा विभाग रेशनेलाइजेशन की कवायद कर रहा है और शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। इस विषय पर चौकाने वाला पहलू यह भी है कि यदि विभाग रेशनेलाइजेशन करता है तो प्रदेश में शिक्षकों के 14 हजार पद खत्म हो जाएंगे। यह हम नहीं कह रहे बल्कि इस बात का खुलासा विभाग से ही मांगी गई आरटीआई की जानकारी से हुआ है। आरटीआई में विभाग ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार तो मास्टर कैडर के 14 हजार पद खत्म होने वाले हैं। नयी नीति के विरोध में शिक्षक संगठन लंबे समय से आंदोलन करते रहे हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता राजेश शास्त्री ने मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक से जानकारी मांगी थी कि यदि मास्टर कैडर में शिक्षक कक्षा 6 से 8वीं तक ही पढ़ाएंगे तो मास्टरों के पदों पर इसका कितना असर पड़ेगा। इस सवाल के जवाब में जो जानकारी विभाग के निदेशालय से आई है वह चौंकाने वाली है। इस रेशनेलाइजेशन से सीएंडवी शिक्षकों के पदों पर भी काफी असर पडऩे वाला है। जबकि प्राध्यापकों के जिम्मेदारी बढऩे वाली है। साथ ही प्राध्यापकों की संख्या भी बढ़ेगी।
आखिर क्यों ली जाती है टेट की परीक्षा: 
राजेश शास्त्री ने इस पत्र के मिलने के बाद यह सवाल उठाया है कि जब सरकार स्कूलों में रेशनेलाइजेशन के कारण पदों की संख्या कम हो रही है तो सरकार हर छठे महीने टेट की परीक्षा लेती है। एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थी हर छठे महीने विभिन्न विषयों की परीक्षा देने के लिए बहुत बड़ी राशि खर्च करते हैं। ऐसे में सवाल यह भी है कि आखिर टेट की परीक्षा पर लाखों क्यों खर्च करवाए जा रहे हैं।
विभाग बढ़ा रहा है जिम्मेवारी: 
रेशनेलाइजेशन के साथ-साथ प्राध्यापकों की जिम्मेदारी बढ़ेगी। दरअसल विभाग कक्षा 9 से 12 तक प्राध्यापकों को पढ़ाने का जिम्मा देना चाहता है। इसलिए प्राध्यापकों की जिम्मेदारी बढ़ेगी। मगर इसमें समस्या यह आ रही है कि विज्ञान के विषय 10 जमा एक व दो में अंग्रेजी माध्यम के हैं जबकि नौंवी और दसवीं में हिंदी माध्यम होता है। ऐसे में विज्ञान को लेकर परेशानी भी है।
हकीकत समझकर बनें नीति: 
हसला के प्रधान दयानंद दलाल कहते हैं कि विभाग शिक्षक संगठनों की मांगों को सुनने के बजाय अपने हिसाब से नीतियां बनाता है इसलिए परेशानी होती है। यदि धरातल की हकीकत को समझकर नीतियां बनाई जाएं तो इससे बच्चों का भी भला होगा और सरकार की नीति भी सफल होगी।
विषय           स्वीकृत पद    रेशनेलाइजेशन     खत्म हो रहे पद
विज्ञान            6497                 5815                      682
एसएस          11968                 2115                    9853
गृह विज्ञान        351                   321                        30
गणित            5540                  2115                   3425
संगीत               125                   113                        12                                        dtjhjjr

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