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Thursday 11 June 2015

स्कूल में गुरुजी हाजिर, बच्चे मना रहे छुट्टियां

पलवल : शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा दो सप्ताह पूर्व जारी आदेशों की हकीकत देखनी है, तो किसी भी राजकीय उच्च विद्यालय या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चले जाइए। आदेश यह थे कि दसवीं व 12वीं की वार्षिक परीक्षाओं में जिन स्कूलों का 50 प्रतिशत से कम परिणाम आया है और बच्चों की कंपार्टमेंट (रि-अपीयर) आई है, उन स्कूलों के संबंधित अध्यापकों की गर्मियों की छुट्टियां रद हैं और बच्चों की विशेष कक्षाएं लगाई जानी हैं। हालांकि यह आदेश 30 मई को जारी हुए थे और तब तक एक जून से ग्रीष्म अवकाश पहले से घोषित हो चुके थे। ऐसे में बच्चों तक समय पर सूचना पहुंच नहीं पाई। नतीजा बच्चे स्कूलों में नहीं पहु़ंच रहे। बृहस्पतिवार को विभिन्न स्कूलों में यही कुछ देखने को मिला। 
दृश्य-1
स्थान : राजकीय उच्च विद्यालय असावटी। समय : सुबह के 11.30 बजे हैं। विद्यालय प्रांगण पूरी तरह वीरान है। कुछ बच्चे स्कूल मैदान में क्रिकेट खेल रहे हैं, तो दो बच्चे शीतल पेय का आनंद ले रहे हैं। इधर आगे बढ़ने पर विद्यालय के बरामदे में कुछ युवा ताश खेलते पाए गए। जैसे ही संवाददाता ने कैमरा ऑन कर फोटो करना चाहा, युवा भाग गए। वहां अधजली बीड़ियां पड़ी हुई थी। यहां मुख्याध्यापक का कमरा बंद था।
दृश्य-दो 
स्थान : राजकीय उच्च विद्यालय बघौला। समय दिन के 12 बजे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर पर स्थित यह विद्यालय पूरी तरह से सुनसान है। मुख्य द्वार खोलने पर एक युवक वहां आता है, जो बताता है कि वह माली है। जानकारी मिली कि स्कूल में कोई नहीं है। क्योंकि बच्चों की छुट्टियां हैं। यहां मुख्याध्यापक कक्ष के दरवाजे पर ताला लगा है। 
दृश्य-तीन
स्थान : राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पलवल। समय : दोपहर के एक बजे हैं। यहां प्रधानाचार्य अपने कक्ष में मौजूद हैं। कुछ शिक्षक भी बैठे हैं। कक्षाओं के बारे में पूछने पर जवाब मिलता है कि दो बच्चे आए हैं और उनको लेक्चरार बलबीर ¨सह पढ़ा रहे हैं। कक्षा में दो बच्चे नीरज व मनोज गुरु जी से ज्ञान हासिल करते मिले। 
दृश्य-चार
स्थान : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैंप पलवल। समय : दोपहर के 1.15 बजे है। यहां प्रधानाचार्या श्याम सुंदरी तायल एनएसएस प्रभारी मोनिका व अन्य स्टाफ के साथ मौजूद हैं। यहां कई विषयों के गुरुजी भी मौजूद हैं, पर बच्चे नदारद है। पूछने पर जवाब मिलता है कि सुबह दो छात्राएं आई थी, जो पढ़कर चली गई हैं। अन्य छात्राओं को फोन करके बुलाया जा रहा है, पर उनके अभिभावक जवाब देते हैं कि बच्चे छुट्टियां मनाने गए हैं। 
"आदेश की पालन करते हुए समय पर सभी संबंधित शिक्षक और मैं स्वयं विद्यालय में मौजूद रहते हैं, पर इक्का-दुक्का बच्चे छोड़ कर कोई नहीं आ रहा।"-- श्याम सुंदरी तायल, प्रधानाचार्या।
"बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक तैयार हैं और समय पर आ भी रहे हैं, लेकिन बच्चे गर्मी की छुट्टियों में आने के इच्छुक ही नहीं हैं।"-- माम राज रावत, प्रधानाचार्य।
अतिरिक्त निदेशक ने किया दौरा
विशेष कक्षाओं की वस्तु स्थिति और उपयोगिता जानने के लिए बृहस्पतिवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक अर¨वद मल्हान ने शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्हें भी कई स्कूलों में शिक्षक तो मिले, पर बच्चे दो-चार ही पढ़ते मिले।
"स्थिति तो वाकई चिंताजनक अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में मौजूद हैं, लेकिन बच्चे नहीं आ रहे। अतिरिक्त निदेशक ने जो स्थिति पाई है, उसकी रिपोर्ट शुक्रवार को अपने उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करेंगे। उसके बाद ही कोई निर्णय होगा।"-- अशोक बघेल, खंड शिक्षा अधिकारी, पलवल।                                                     dj06:57

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