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Tuesday 3 November 2015

गुरुजी करते मार्किग, बच्चों को पढ़ाए कौन


** समस्या : 50 प्रतिशत शिक्षक स्कूलों में नहीं आ रहे, विद्यार्थी हो रहे परेशान
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षा की सेमेस्टर परीक्षाओं की मार्किंग का काम इन दिनों जोरों पर है, लेकिन बोर्ड की तरफ से अधिकतर सरकारी स्कूलों से 50 प्रतिशत से अधिक स्कूल प्राध्यापकों को मार्किंग के काम में लगा दिया गया है, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सभी विषय विशेषज्ञों की ड्यूटी परीक्षा में लगने से ज्यादा दिक्कत बढ़ गई है, क्योंकि हर माह विभाग की तरफ से स्कूल में मासिक टेस्ट लिए जा रहे हैं।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की तरफ से 22 अक्टूबर से जिला स्तर पर मार्किंग सेंटर बनाकर बोर्ड की दसवीं व बारहवीं कक्षा की सेमेस्टर की परीक्षाओं की मार्किंग का काम किया जा रहा है। बोर्ड की तरफ से जिले के हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत अधिकतर स्कूल प्राध्यापकों की ड्यूटी मार्किंग में लगा दी गई है। 
एक स्कूल में यदि एक ही विषय के दो या तीन प्राध्यापक हैं तो वहां पर उन सभी की ड्यूटी मार्किंग में लगा दी गई है। जींद शहर के ऐसे कई स्कूल हैं, जहां विषय विशेषज्ञ एक से तीन हैं और उन सभी की ड्यूटी मार्किंग में लगी हुई है, ऐसे में बच्चों के सामने आगे सिलेबस पूरा करने की दिक्कत सामने आ गई है। पूरा दिन विद्यार्थियों को या तो अन्य विषय विशेषज्ञों को पढ़ाना पड़ता है या फिर विद्यार्थी खाली बैठने रहने को मजबूर हो रहे हैं। जिले के कई सीनियर सेकेंडरी व हाई स्कूलों का 50 प्रतिशत से अधिक विषय विशेषज्ञ स्टाफ इन दिनों मार्किंग में लगा हुआ है, जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
व्यवस्था बनाए बोर्ड
हरियाणा स्कूल आफिसर एसोसिएशन के राज्य उपप्रधान रमेशचंद्र मलिक ने कहा कि इस समय मार्किंग में एक स्कूल से अधिकतर विषय विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई गई है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बोर्ड को चाहिए कि मार्किंग के लिए ड्यटी लगाते समय यह भी ध्यान रखे कि एक स्कूल से 50 प्रतिशत से अधिक विषय विशेषज्ञों की ड्यूटी न लगे। ऐसे होने से पढ़ाई में बाधा आती है।
राजपत्रित अवकाश व रविवार के दिन नहीं होता काम
शिक्षकों द्वारा राजपत्रित अवकाश व रविवार के दिन मार्किंग का काम नहीं किया जाता, जिस कारण मार्किंग का काम काफी लंबा चला जाता है। कई बार तो दो से तीन छुट्टियां भी मार्किंग के दौरान एक साथ आ जाती है, जिसके चलते कई-कई दिनों तक मार्किंग चलती रहती है। मार्किंग का काम लंबा खींचने से रिजल्ट भी लेट हो जाता है।                                                                             djjnd

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