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Sunday 18 May 2014

अध्यापकों की परीक्षा का विरोध : प्राथमिक टीचर सामूहिक अवकाश करेंगे 26 मई को

** विभाग के फैसले को शिक्षकों के लिए बताया अपमानजनक, करेंगे आंदोलन
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ संबंधित अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 26 मई को राज्य सरकार को आइना दिखाने के लिए सामूहिक अवकाश का फैसला लिया है। संघ के राज्य कोषाध्यक्ष राजेश खर्ब ने बताया कि राज्य सरकार अपने अंतिम समय में भी लूट का कोई असर नहीं छोडऩा चाहती। बच्चों की लर्निंग लेवल परीक्षा विभाग के वार्षिक कलेंडर में नहीं थी, लेकिन संघ के विरोध के बावजूद यह ली गई जो सबके सामने है। अब उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अध्यापकों की परीक्षा का तुगलकी फरमान अखबारों के माध्यम से पढ़ रहे हैं। जो परीक्षा केवल राज्य सरकार के चहेतों, एनजीओ को लाभ पहुंचाने के अलावा बच्चों को कोई लाभ नहीं होगा। स्कूलों में एजुसेट का हाल सभी के सामने है। कंप्यूटर शिक्षा व्यवस्था सबके सामने है। किताबें छापने और छपवाने वालों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। सीआरपी का ड्रामा, बच्चों को कोई भी सहायता जैसे प्रोत्साहन राशि, किताबें, वर्दी, स्टेशनरी, समय पर नहीं मिलती। यदि राज्य सरकार ने अब भी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं किया तो आने वाले समय में भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। यदि राज्य सरकार ने इस तुगलकी फरमान को समय रहते वापिस नहीं लिया तो प्राथमिक शिक्षक संघ प्रत्येक जिला स्तर से राज्य सरकार के नाम विरोध पत्र भेजेगा तथा 26 मई को सामूहिक अवकाश लेकर अध्यापक जिला स्तर पर सामूहिक अनशन करेंगे। जिला जींद के प्रधान विजय सहारण ने राज्य सरकार को चेताते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ जन जागरण अभियान चलाकर छात्र अभिभावकों को जागृत करने के साथ-साथ राज्य सरकार की नीति और नियत के बारे में बताएगा। प्राथमिक शिक्षक संघ ने हमेशा शिक्षा, शिक्षक एवं छात्रों के हितों की आवाज उठाई है। इसके लिए संघ किसी भी प्रकार का आंदोलन जेल भरो या आमरण अनशन से पीछे नहीं हटेगा।                                                         dbjnd

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