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Monday 12 May 2014

मुफ्त दाखिले की उम्मीद टूटती देख पेपर देने ही नहीं पहुंचे बच्चे

** नियम 134 -ए : लर्निंग टेस्ट में खाली पड़े रहे परीक्षा केंद्र, प्रश्न पत्र हिंदी में देने से छात्र परेशान
प्राइवेट स्कूल में मुफ्त दाखिले की उम्मीद टूटने लगी है। करीब 30 हजार बच्चों ने तीसरी से 12वीं तक की कक्षाओं में दाखिले के लिए आवेदन किया मगर उनमें से आधे से ज्यादा बच्चे तो रविवार को लर्निंग टेस्ट देने ही नहीं पहुंचे। रही-सही कसर शिक्षा निदेशालय ने पूरी कर दी। प्रश्न पत्र सिर्फ हिंदी में दिया, जिससे उन बच्चों को दिक्कतें आई जो इंग्लिश मीडियम के हैं। रोहतक, पानीपत, कैथल समेत कई जिलों में परीक्षा केंद्रों पर दिक्कतें आने की वजह से हंगामा भी हुआ। अब शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी यह बताने को भी तैयार नहीं कि टेस्ट का नतीजा कब निकलेगा। अभी 4 जुलाई को कोर्ट में अगली सुनवाई है। 
सोनीपत जिले में सबसे ज्यादा 4374 बच्चों ने दाखिले के लिए आवेदन किया मगर सिर्फ 732 ही लर्निंग टेस्ट देने पहुंचे। कैथल में 2811 में से 601 ने, यमुनानगर में 530 में से 143 ने, जींद में 1700 में से 548, रेवाड़ी में 1218 में से 297, रोहतक में 1,771 में से 390 और नारनौल में 386 में से 146 बच्चे ही परीक्षा देने पहुंचे। कैथल के नरेश वर्मा, सतपाल शर्मा व सतीश गर्ग ने कहा कि जब दाखिले के लिए आवेदन किया था, उस समय टेस्ट की कोई शर्त नहीं रखी गई थी। लेकिन अब टेस्ट रख दिया। ज्यादातर लोगों को टेस्ट की सूचना ही नहीं मिली। इस कारण बहुत कम संख्या में बच्चे टेस्ट देने के लिए पहुंचे हैं। पंचकूला के एक परीक्षा केंद्र में पेपर देने आई लक्षिता का कहना था कि मैथ्स का प्रश्न पत्र हिंदी में होने की वजह से सॉल्व करने में काफी परेशानी हुई। 
उधर, पानीपत के मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल और गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल मॉडल टाउन में परीक्षा केंद्र बने थे। इनमें 2,272 बच्चों को परीक्षा देने आना था, लेकिन करीब 1500 बच्चे ही पहुंचे। 
अभी भी 2.30 लाख सीटें खाली 
134 ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिले पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसके अनुसार अभी भी 2 लाख 30 हजार खाली सीट हैं। दो जमा पांच मुद्दे जनआंदोलन के संयोजक सतबीर हुड्डा ने मांग की कि यह परीक्षा जो रविवार को ली गई, इसके परिणाम एक सप्ताह के भीतर आने चाहिए। क्योंकि पहले ही बच्चों के दाखिले में खासी देरी हो चुकी है। उनकी यह भी मांग है कि अभी तो बहुत कम अभिभावकों ने आवेदन किया था, इस वजह से सीट खाली रह गई। शिक्षा विभाग अब दोबारा से आवेदन मांगे और यह सुनिश्चित करे कि सभी खाली सीटों पर पात्रों को दाखिला मिले। 
मीडियम और रिजल्ट पर अधिकारी लाजवाब 
पंचकूला की जिला शिक्षा अधिकारी सावित्री सिहाग बोलीं, टेस्ट के मामले में सभी तरह के निर्णय शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से लिया गया है। रिजल्ट कब आएगा, कुछ कह नहीं सकतीं। प्रश्नपत्रों का मीडियम हिंदी में होने के सवाल पर अम्बाला के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी धर्मवीर कादियान बोले, प्रश्न पत्र निदेशालय ने बनवाए थे। निदेशालय ही इस बारे में बता सकता है।                       db

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