.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Thursday 11 September 2014

‘एमएलए खाएं मलाई, बीएलओ खाएं धक्के’

** प्रशिक्षण कार्यक्रम में बूथ स्तरीय अधिकारियों ने निकाली भड़ास
** कहा, स्कूल से करा दो छुट्टी, जाना नहीं हो पाएगा
** आधे से भी कम बीएलओ कार्यक्रम में हुए हाजिर
फरीदाबाद : एमएलए खाएं मलाई, बीएलओ खाएं धक्के, ऐसा कब तक चलेगा। जनता से हम जूझते हैं और मलाई एमएलए खाते हैं। साहब चुनाव में काम बहुत है। हमें स्कूल से छुट्टी करा दो, क्योंकि इतने काम के बाद स्कूल जाना नहीं हो पाएगा। हम लोग शादीशुदा हैं। घर पर भी समय देना पड़ता है। बड़ी मेहरबानी होगी अगर स्कूल से छुट्टी दिला दें। हमारी इस बात को उच्चाधिकारी तक जरूर पहुंचा दें। बुधवार को यह नजारा नगर निगम के सभागार में देखने को मिला। कुछ ऐसे ही बीएलओ अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कह रहे थे।
चुनाव के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीएलओ ने अपनी जमकर भड़ास निकाली। लापरवाही का आलम यह रहा कि आधे से कम बीएलओ इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए। नगर निगम सभागर में बुधवार को एनआईटी फरीदाबाद के बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के लिए ड्यूटी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। 
इसमें अतिरिक्त उपायुक्त एवं रिटर्निंग अधिकारी दिनेश यादव को शामिल होना था, लेकिन किसी जरूरी कार्यक्रम में फंसे होने के कारण वह नहीं आ पाए। कार्यक्रम में जिला सांख्यिकी अधिकारी जेएस मलिक, जीएम डीआईसी सतपाल भुक्कल एवं प्रोजेक्ट ऑफिसर पीसी शर्मा शामिल हुए। उक्त अधिकारियों ने उपस्थित बीएलओ को उनकी ड्यूटी बतानी शुरू की और समस्याएं बताने को कहा।
फिर क्या था, शिकायतों की झड़ी लग गई। कइयों ने कहा कि आयोग की कमी के कारण लोगों के बीच उन्हें जूझना पड़ता है। सैकड़ों की संख्या में वोटर कार्ड के लिए फॉर्म भरकर दिए जाते हैं, लेकिन उनमें से एक चौथाई का भी कार्ड बनकर नहीं आता। कभी पिता को पति बना दिया जाता है तो मां को पत्नी। 
पता सही लिखा जाए, इसकी भी कोई गारंटी नहीं होती। कई बीएलओ ने तो प्रशिक्षण दे रहे अधिकारियों को ही नसीहत देनी शुरू कर दी। बूथ नंबर-121 की महिला बीएलओ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मलाई खाएं एमएलए, धक्के खाएं हम। कब तक चलेगा। वहीं बूथ नंबर-144 के बीएलओ देवेन्द्र कुमार ने कहा कि हम आपको सब काम ओके करके देंगे, लेकिन हमें स्कूल से छुट्टी दिला दें। हम लोग शादीशुदा हैं। परिवार को भी देखना पड़ता है। मेहरबानी होगी कि आप हमारी समस्याओं को उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दें। प्रशिक्षण दे रहे अधिकारियों ने भी कुछ बातें बीएलओ को बताकर खानापूर्ति की और चलते बने।                                                   au


No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.