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Friday 5 September 2014

पहली बार आज स्कूलोंं में पीएम का लाइव भाषण

** स्कूलों में अजीब सर्कुलर : मोदी का भाषण रट लें, परीक्षा में पूछे जाएंगे सवाल
नई दिल्ली : देश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि शिक्षक दिवस पर शुक्रवार को स्कूलों में प्रधानमंत्री का भाषण सुनाया जाएगा। कार्यक्रमदोपहर बाद 3:00 बजे से 4.45 बजे तक चलेगा। राज्योंको कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था करने के आदेश जारी किए गए हैं। ताकि देश के 1.80 लाख सरकारी और निजी स्कूलों में प्रधानमंत्री बच्चों से बात कर सकें। एक तरफ तो मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी कह रही हैं कि कार्यक्रम में आना अनिवार्य नहीं है, दूसरी ओर, केंद्र के सर्कुलर में कहा जा रहा है कि कार्यक्रम के बाद पता लगाया जाएगा कि कितने स्कूलों में सीधा प्रसारण किया गया। 
उप्र सरकार खुलकर समर्थन में: 
मोदी विरोधी माने जाने वाले अखिलेश यादव ने भाषण सुनना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए मुफ्त बंटे लैपटॉप का उपयोग करने को कहा गया। 
कांग्रेसी राज्यों में ना : 
महाराष्ट्र मेंे गणेशोत्सव, जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की वजह से स्कूल बंद। केरल, असम समेत कुछ राज्यों में सरकाराें ने फैसला स्कूलों पर छोड़ दिया। 
समर्थन में 
सभी भाजपा शासित राज्य। गैर भाजपा शासित राज्यों में उप्र, दिल्ली, झारखंड, आंंध्र। 
विरोध में 
सभीकांग्रेसशासित राज्य। गैर कांग्रेस शासित- जम्मू-कश्मीर, बिहार, तमिलनाडु, प. बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना। 
नोएडा : परीक्षा में पीएम के भाषण से जुड़े 2-2 नंबर के सवाल होंगे: 
नोएडा के बाल भारती स्कूल ने सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि तीसरी से 12वीं तक के बच्चे प्रधानमंत्री का भाषण नोट करें, उसे समझें और सीखें। अगले दिन से शुरू होने वाली परीक्षा के सभी पांच पेपर में प्रधानमंत्री के भाषण से जुड़े दो-दो नंबर के सवाल होंगे। 
भोपाल : मौखिक आदेश-स्कूल नहीं आए तो 200 रुपए फाइन होगा: 
स्कूलोंने बच्चों को मौखिक आदेश जारी किया है कि प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के लिए स्कूल आना जरूरी है। जो बच्चे नहीं आए उन्हें 200 रुपए फाइन किया जाएगा। हालांकि जब इन स्कूलों के प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बच्चों को यूं ही कह दिया गया होगा। 
स्कूलों से कहा-टीवी नहीं है तो रेडियो और रेडियो नहीं है तो मोबाइल पर भाषण सुनाओ 
कई राज्यों के शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में आदेश जारी किए हैं कि टीवी नहीं है तो रेडियो पर और रेडियो नहीं है तो मोबाइल पर संदेश प्रसारित कराओ। बिजली नहीं है तो जेनरेटर या इनवर्टर जुटाएं। स्कूलों को अगले दिन यह रिपोर्ट भी भेजनी है कि कितने बच्चों ने कितनी देर भाषण सुना।                                        db


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