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Friday 12 September 2014

अच्छे प्राथमिक स्कूल क्यों नहीं खोलते : सुप्रीम कोर्ट

** देश में ज्यादा से ज्यादा स्कूल खोलना सरकार की जिम्मेदारी
** कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक
** कुछ संस्थाओं को दिया था आरटीई के पालन का निर्देश
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक स्तर पर अच्छे सरकारी स्कूल खोले जाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा है कि जैसे सरकारी मेडिकल कॉलेज देश में सबसे अच्छे माने जाते हैं, ऐसे ही सरकार प्राथमिक स्तर पर अच्छे स्कूल क्यों नहीं खोलती। ज्यादा से ज्यादा स्कूल खोलना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार में इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी कर सकती है। न्यायमूर्ति एआर दवे व न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने ये टिप्पणी बृहस्पतिवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए सुनवाई के दौरान की।
दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट ने कुछ अल्पसंख्यक संस्थाओं के स्कूलों को निर्देश दिया था कि वे शिक्षा के अधिकार के तहत 25 फीसद पिछड़े वर्ग के बच्चों को प्रवेश दें। स्कूलों ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अल्पसंख्यक संस्थानों के वकीलों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसले के मुताबिक सहायता प्राप्त व गैर सहायता प्राप्त दोनों तरह के अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था शिक्षा के अधिकार कानून के दायरे से बाहर हैं। उस कानून को आधार बनाकर उन्हें 25 फीसद पिछड़े और गरीब बच्चों को प्रवेश का आदेश नहीं दिया जा सकता। स्कूल की दलील थी कि हाईकोर्ट ने उन्हें नर्सरी में 26 पिछड़े वर्ग के बच्चों को प्रवेश देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट का कहना था कि उनके पास राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का प्रमाणपत्र नहीं है जिसमें उन्हें अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा दिया गया हो। हालांकि, स्कूलों की दलील थी कि मुकदमे के दौरान उन्होंने प्रमाणपत्र ले लिया था। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए मामले को 10 नवंबर को अंतिम सुनवाई पर लगाने का आदेश किया।
आरटीई कानून की समीक्षा करेगी सरकार
केंद्र सरकार शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून की नए सिरे से समीक्षा करेगी। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री स्मृति ईरानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें राज्यों से इस संबंध में कई तरह की समस्याओं के बारे में बताया गया है। अपने मंत्रलय की सौ दिन की उपलब्धियां गिनाने के लिए बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार महत्वाकांक्षी योजना का एलान करने के बजाय मौजूदा योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर देगी। शिक्षा का अधिकार और सर्व शिक्षा अभियान को लेकर राज्यों ने पिछली बैठकों में अपनी समस्याएं बताई हैं। इनकी समीक्षा की जाएगी। जल्द ही देश की नई शिक्षा नीति भी तैयार की जाएगी।
"अगर सरकारी मेडिकल कॉलेज देश मे सबसे अच्छे माने जाते हैं तो फिर इसी तरह सरकार प्राथमिक स्तर पर अच्छे स्कूल क्यों नहीं खोलती। सरकार में इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी कर सकती है।"--पीठ की टिप्पणी                                               dj

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