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Thursday 29 January 2015

इंटरव्यू में मनमानी नहीं, लिखित परीक्षा के 10% अंक ही होंगे

** राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी की भर्तियों के नियम बदले 
** नियुक्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए उठाया कदम
पानीपत/चंडीगढ़ : सरकारी नौकरियों के इंटरव्यू में अब मनमाने अंक नहीं दिए जा सकेंगे। खट्टर सरकार ने तृतीय श्रेणी के पदों में इंटरव्यू सिस्टम में बदलाव को बुधवार को मंजूरी दे दी। अब मेरिट लिस्ट के लिए इंटरव्यू के नंबर लिखित परीक्षा या चयन आयोग द्वारा तय मानदंडों के 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होंगे। यानी यदि लिखित परीक्षा 300 अंकों की होगी, तो इंटरव्यू के अंक 30 से अधिक नहीं होंगे। पहले ऐसी कोई बाध्यता नहीं थी। हरियाणा लोक सेवा आयोग को श्रेणी और बी के पदों पर नियुक्ति के लिए भी ऐसे ही प्रावधान करने की सलाह दी गई है। इससे इंटरव्यू में पक्षपात नहीं होगा। साथ ही भ्रष्टाचार भी रोका जा सकेगा। 
संशोधन के अनुसार आयोग चयन पद्धति बनाएगा और सभी पदों पर चयन के लिए मानदंड निर्धारित करेगा। साक्षात्कार के लिए रिक्तियों की संख्या के दोगुना से अधिक उम्मीदवार नहीं बुलाए जा सकेंगे। अभी तीन गुणा तक उम्मीदवार बुलाए जाते रहे हैं। अंतिम उम्मीदवार के रूप में एक समान प्रतिशतता रखने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। 
पुलिस विभाग में सिपाही की भर्ती के लिए इंटरव्यू नहीं होगा। इस संबंध में घोषणा पहले ही हो चुकी है। सिपाही भर्ती में सहनशीलता, शारीरिक और ज्ञान परीक्षा ली जाएगी। केंद्रीय पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार पुलिस भर्ती होगी। सब इंस्पेक्टर की भर्ती में लिखित परीक्षा के कुल अंकों के 10 फीसदी तक इंटरव्यू के नंबर होंगे। पहले ऐसा प्रावधान नहीं था। 
प्रदेश में 43 हजार नियुक्तियां होंगी नए प्रावधानों के अनुसार 
प्रदेश में शिक्षा, पुलिस समेत अन्य विभागों में जल्द ही 43,707 पद भरे जाएंगे। इन पदों के लिए नियुक्तियां भी नए नियम के तहत होंगी। जिन पदों के लिए पहले आवेदन लिए जा चुके हैं, वे नियुक्तियां भी नए नियम के तहत लेकिन पुराने अप्लीकेशन पर ही होंगी। 
इंटरव्यू में गड़बड़ी 
पूर्व में कई ऐसे मामले आए, जिनमें लिखित परीक्षा में अच्छे अंक के बाद भी इंटरव्यू में कम नंबर के नाम पर आवेदकों को फेल कर दिया गया। एचसीएस भर्ती में ऐसी ही गड़बड़ी का मामला हाईकोर्ट में है। 
राजनीतिक मायने भी : 
हुड्डा सरकार में नौकरियों में भ्रष्टाचार को भाजपा ने मुद्दा बनाया था। युवाओं के आक्रोश को भुनाने के लिए भाजपा ने घोषणापत्र में भी भर्तियों में पारदर्शिता का वादा किया। हजकां-हजपा ने तो इंटरव्यू खत्म करने की बात कही थी। उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओप्रकाश चौटाला जेबीटी भर्ती घोटाले में सजा होने के कारण जेल में हैं। जबकि, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों की भी जांच चल रही है।
मेरिट के आधार पर नौकरी 
"हमारी कोशिश है कि सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता हो और पात्र युवाओं को मेरिट आधार पर नौकरी मिले। अभी तृतीय श्रेणी में इंटरव्यू सिस्टम में बदलाव हुआ है। प्रथम द्वितीय श्रेणी के लिए भी पारदर्शी सिस्टम बनाने को कहा गया है।"- -मनोहरलाल खट्टर, मुख्यमंत्री               db


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