.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Wednesday 21 January 2015

58 साल में ही रिटायर होंगे सरकारी कर्मचारी

चंडीगढ़ : प्रदेश में कर्मचारियों की उम्र 60 से घटाकर 58 वर्ष करने के खट्टर सरकार के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को सही ठहराया है। बता दें कि चुनाव से पहले हुड्डा सरकार ने सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष कर दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि पूर्व सरकार ने यह फैसला सिर्फ वोट बैंक हासिल करने के लिए लिया था जिसके चलते इसे ईमानदारीपूर्वक लिया गया निर्णय नहीं कहा जा सकता। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस तेजिंदर सिंह ढींढसा ने पूर्व सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की। उन्होंने रिटायरमेंट की उम्र 60 से घटाकर 58 साल करने के खट्टर सरकार के फैसले का समर्थन भी किया।
हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी बलजीत कौैर और अन्य कर्मचारियों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान की। इन सभी ने प्रदेश सरकार के उम्र घटाने वाले फैसले पर आपत्ति जताई थी। इसके साथ याचिकाकर्ताओं ने मनोहर लाल खट्टर के मंत्रिमंडल की वैधानिकता पर भी सवाल खड़े किये थे।
जस्टिस ढींढसा ने कहा कि इस फैसले के समय को अनदेखा नहीं किया जा सकता। प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर थे। आदर्श चुनाव आचार लागू होने वाली थी।
सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने का फैसला एक उपयुक्त नियम का अपमान था और सिर्फ इसे एक वोट बैंक हासिल करने के लिए लिया गया था। उन्होंने कहा कि अदालत को यह कहने में कोई संकोच नहीं है पूर्व की प्रदेश सरकार ने उम्र बढ़ाने का फैसला ईमानदारी से नहीं लिया था। इससे पहले याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि मनोहर लाल मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या पर्याप्त नहीं है इसके चलते इस मंत्रिमंडल को संवैधानिक नहीं कहा जा सकता। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि खट्टर मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 10 मंत्री है जबकि संविधान के अनुच्छेद 164(1-ए) के मुताबिक मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होनी चाहिए।
इस पर जस्टिस ढींडसा ने कहा कि यह नियम मंत्रिमंडल विस्तार की सीमा तय करने के लिए है। इसके मुताबिक मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की 15 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस नियम में कैबिनेट में मंत्रियों की न्यूनतम संख्या का कोई जिक्र नहीं है। जस्टिस ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि उन्हें 60 साल तक सर्विस में रहने दिया जाये। किसी भी न्यायसंगत शासन तंत्र में इस प्रकार करना ठीक भी नहीं है।
युवा खुश, बाेले-अब दूसरे वादे भी पूरे करे सरकार
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर युवा वर्ग ने खुशी का इजहार किया है। युवाओं को उम्मीद है इस फैसले में प्रदेश में सरकारी नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे और उनके उज्ज्वल भविष्य की राह आसान हो सकेगी। नौकरी के चाहवान रोहतक निवासी रमेश कुमार कहते हैं बेरोजगारी दूर करने में इस निर्णय के दूरगामी असर होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार को अपने दूसरे वादे पूरे करते हुये डेढ़ लाख खाली पड़े पदों पर भर्ती करनी चाहिए।
रिटायरमेंट की दहलीज पर बैठे कर्मचारी मायूस
कर्मचािरयों की उम्र सीमा घटाने के फैसले पर कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी जताई है। हरियाणा सर्वकर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि देश के 16 राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारी 60 साल की आयु में रिटायर होते हैं। इतना ही नहीं हरियाणा में न्यायिक अधिकारी और निजी व सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में भी रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष ही है।
ये 60 साल में ही होंगे रिटायर
  • प्रदेश में सेवारत केंद्र के कर्मचारी
  • न्यायिक सेवाओं से जुड़े अधिकारी
  • निजी व एडिड कॉलेजों के कर्मचारी (इन संस्थानों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 58 साल में ही रिटायर होंगे)

सरकार ने 25 नवंबर को पलटा था फैसला
हरियाणा की खट्टर सरकार ने गर्त वर्ष 25 नवंबर को पिछली सरकार के फैसले को पलटते हुए सेवानिवृत्ति की आयु 60 से घटाकर 58 साल की थी। इससे पहले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 25 अगस्त को पूर्व की हुड्डा सरकार ने प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 58 से बढ़ाकर 60 साल कर दी थी। गौरतलब है कि भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और पंजाब सहित देश के कुल 16 राज्यों में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल ही है।                               dt

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.