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Saturday 24 January 2015

सीएम खट्टर के सामने खुला मांगों का पिटारा

** प्रदेश सरकार व सर्व कर्मचारी संघ के बीच हुई बातचीत से रिश्तों पर पड़ी धूल छंटने के आसार
चंडीगढ़ : प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के तीन माह बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और सर्व कर्मचारी संघ के बीच हुई बातचीत के बाद रिश्तों पर पड़ी धूल छंटने के आसार हैं। पंजाब के समान वेतनमान देने की अपनी पुरानी मांग पर कायम रहते हुए सर्व कर्मचारी संघ ने सीएम को हरियाणा के लिए अलग राज्य वेतन आयोग गठित करने की सलाह दी है। पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए अलग वेतन आयोग का गठन पहले से कर रखा है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष ताबड़तोड़ तबादलों की आशंका भी जाहिर की। इस पर उन्होंने साफ किया कि प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर कर्मचारियों के तबादले नहीं करने जा रही है। बिजली व तकनीकी कर्मचारियों के तबादलों में भी सरकार का रूख लचीला रहने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार तबादला नीति बनाने पर विचार कर रही है।
सर्व कर्मचारी संघ ने भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री को ठेकेदारी और आउटसोर्सिग के जरिए होने वाली भर्ती प्रक्रिया खत्म करने की सलाह दी है। कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल से घटाकर 58 साल करने पर विरोध जताते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि हर माह करीब दो हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। नई भर्ती पर रोक है। उन्होंने सीएम के समक्ष करीब डेढ़ दर्जन मांगें उठाईं। पंजाब के समान वेतनमान पर मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी के अलग-अलग बयानों का मुद्दा भी बैठक में उठाया।
एक माह में विभागों से टिप्पणी लेकर बातचीत
मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं की अधिकतर मांगों के प्रति सकारात्मक रूख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि इन मांगों के संबंध में वह जल्दबाजी में कोई वादा नहीं करेंगे। वह सभी विभागों से टिप्पणी लेंगे, तब तक कर्मचारी संघ उन्हें एक नया मांगपत्र सौंप दें। एक माह के बाद कर्मचारी नेताओं को दोबारा से बातचीत के लिए बुलाया जाएगा, जिसमें फाइनल बातचीत होगी।
हमने एजेंडा साफ कर दिया 
कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार मुख्यमंत्री के साथ यह परिचयात्मक बैठक थी। हमने मुख्यमंत्री को कर्मचारियों की मांगों से वाकिफ करा दिया है। रोहतक में 25 जनवरी को होने वाली बैठक में हम नया मांगपत्र तैयार कर सरकार को सौंपेंगे। हमने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछली सरकार में आंदोलन करने के बावजूद कई बैठकें हुईं पर समझौते समय से लागू नहीं किए गए। हम नहीं चाहते कि भाजपा सरकार में भी हम आंदोलनों का सहारा लें।
इन मांगों को भी उठाया गया

  • ठेका नीति पर लगे रोक, कर्मियों को सीधे विभाग के अधीन किया जाए। 
  • एनआरएचएम में कार्यरत डॉक्टर से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमितीकरण की नीति में शामिल किया जाए और उनके वेतनमान में बढ़ोतरी की जाए। 
  • गेस्ट टीचर्स समेत दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सभी पार्ट टाइम, डेली वेजिज, अनुबंध, तदर्थ, वर्कचार्ज आधार पर लगे कर्मचारियांे को बिना शर्त पक्का किया जाए। 
  • मिडिल स्कूलों के मुख्य अध्यापकों, अनुबंधित कंप्यूटर टीचर्स, आइसीडीएस सुपरवाइजर्स, एक्सग्रेसिया में लगे कर्मचारियों के आश्रितों को अंतिम वेतन और आंगनबाड़ी वर्करों के कई माह के बकाया वेतनमान का भुगतान कराया जाए। 
  • हुडा विभाग में किए गए तबादलों को दुरुस्त किया जाए। 
  • भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर कर्मचारियों का उत्पीड़न रोका जाए। 
  • विभागीय संगठनों के साथ विभागाध्यक्षों की मीटिंग सुनिश्चित हो।                             dj

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