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Saturday 6 June 2015

जब संबंधित विषय का शिक्षक ही नहीं कैसे सफल होंगी ग्रीष्मकालीन की कक्षाएं

** स्कूल मुखिया अपने स्तर पर संबंधित विषयों के शिक्षकों का कर रहे हैं प्रबंध 
** विद्यार्थी अभिभावक भी नहीं दिखा रहे हैं ग्रीष्मकालीन कक्षाओं में रुचि, शिक्षक फोन पर और घर-घर पहुंचकर विद्यार्थियों को स्कूल लाने के प्रयास में जुटे 
महेंद्रगढ़ : शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मकालीन अवकाश में 50 प्रतिशत से कम परिणाम रहने वाले विषयों के लिए स्कूलों में कक्षाएं लगाने के आदेश तो जारी कर दिए परंतु जिन स्कूलों में संबंधित विषय का शिक्षक ही नहीं हैं, वहां शिक्षक का कोई प्रबंध नहीं किया गया। 
स्कूल मुखिया या तो अपने स्तर पर प्रबंध करें अन्यथा बच्चे स्कूल में कुछ देर बैठकर वापस घर लौट जाते हैं। जिन स्कूलों में शिक्षक है, वहां बच्चे कक्षाओं में नहीं पहुंच रहे हैं और ही उनके अभिभावक कक्षाओं में भेजने के लिए जागरुकता दिखा रहे हैं। 
कम परिणाम वाले शिक्षक बच्चों को कक्षाओं में आने के लिए घर-घर जाने के साथ-साथ फोन से भी संपर्क साध रहे हैं परंतु बच्चों की रुचि कक्षाएं अटेंड करने की नजर नहीं रही है। ऐसे में सरकार विभाग की ग्रीष्मकालीन कक्षाओं का विद्यार्थियों को कोई अच्छा-खासा लाभ मिलता नजर नहीं रहा। 
क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में अनेक विषयों के शिक्षकों का अभाव है। स्कूलों में संबंधित विषय का वर्षभर शिक्षक उपलब्ध नहीं होने के कारण विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम कैसे ठीक सकता है। रि-अपीयर आने पर भी संबंधित विषय का शिक्षक उपलब्ध ही नहीं हैं तो विद्यार्थियों को कौन पढ़ाए। यह अलग बात है कि कुछ स्कूलों में स्कूल मुखिया अपने स्तर पर संबंधित विषय का शिक्षक उपलब्ध करवाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। 
घर-घरजाने पर भी नहीं रहे बच्चे 
शिक्षकों के अनुसार ग्रीष्मकालीन अवकाश में लगाई जा रही कक्षाओं में बच्चे नहीं रहे हैं। फोन द्वारा मैसेज देने तथा घर-घर जाकर अभिभावकों से मिलने के बावजूद भी कक्षाओं में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही है।  
कक्षा में नहीं मिला एक भी छात्र 
नगर के कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मिली जानकारी के अनुसार लगभग 50 बच्चों की रि-अपीयर है। शुक्रवार को भास्कर प्रतिनिधि 12.30 पर नगर के कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे। जहां एक भी छात्र नहीं मिला। शिक्षकों से पूछने पर पता चला कि केवल 8 बच्चे आए थे। जो कक्षा अटेंड कर चले गए। स्कूल प्राचार्या सुनीता यादव ने बताया कि 12वीं कक्षा में गणित में 32 में से 9 विद्यार्थी, फिजिक्स में 15 में से 11 तथा केमेस्ट्री में 15 में से 6 विद्यार्थी पास है। विद्यालय में फिजिक्स केमेस्ट्री के लेक्चरर नहीं हैं। ऐसे में विज्ञान अध्यापक विनय कुमार बच्चों को केमेस्ट्री पढ़ा रहे हैं। 
अभिभावक रि-अपीयर बच्चों को कक्षाओं में भेजें 
इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारी संतोष तंवर ने बताया कि जिन विद्यालयों में संबंधित विषय का शिक्षक नहीं हैं, वहां के मुखिया को निर्देश दिए हुए है कि वे अपने स्तर पर िक्षक की व्यवस्था कर लें। यदि व्यवस्था नहीं होती है तो उन्हें अवगत करवाएं ताकि संबंधित विषय का शिक्षक उपलब्ध करवाकर विद्यार्थियों को परेशानी से बचाया जा सके। उन्होंने विद्यार्थियों के अभिभावकों को जागरूक करते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन अवकाश में लगाई जा रही कक्षाओं में रि-अपीयर आने वाले अपने-अपने बच्चों को भेजे ताकि उनका परिणाम बेहतर आए और वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सके।                                                                 db

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