हरियाणा में भर्ती होने वाले हरियाणा प्रशासनिक सेवा (एचसीएस) व संबद्ध सेवाओं के 151 अधिकारियों की भर्ती फिर से लटक गई है। पहले परीक्षा में काफी संख्या में गलत सवालों के चलते पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। हालांकि हाईकोर्ट के निर्देशों पर बने एक्सपर्ट पैनल द्वारा नंबरों की फिर से जांच के बाद मेन परीक्षा के उम्मीदवारों की संख्या में भी इजाफा हो चुका है किंतु कई उम्मीदवार इससे नाखुश हैं।
दरअसल, हरियाणा लोकसेवा आयोग ने वर्ष 2011 में एचसीएस अधिकारियों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। नंबवर-2012 तक यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद थी किंतु अदालत में केस जाने के चलते मामला उलझ गया। इन 151 अधिकारियों में 30 पद एचसीएस मेन के लिए हैं जबकि 121 संबद्ध सेवाओं के अधिकारियों के हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग की ओर से इन पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा में काफी सवाल गलत होने का खुलासा हुआ और कुछ परीक्षार्थी इसके विरोध में हाईकोर्ट में चले गए।
हालांकि आयोग की ओर से मेन परीक्षा की तिथि भी घोषित कर दी गई थी। किंतु हाईकोर्ट ने दिसंबर-2012 में हरियाणा लोकसेवा आयोग द्वारा निर्धारित की गई इस तिथि पर रोक लगाते हुए इस मामले का समाधान निकालने के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए। बताते हैं कि आयोग की ओर से लगभग साठ एक्सपर्ट लोगों की मदद ली गई और इस कमेटी द्वारा नंबरों की फिर से जांच करवाई गई। इस प्रक्रिया में मेन परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की संख्या में 835 का और इजाफा हो गया। पूर्व में मेन परीक्षा के लिए लगभग 2400 उम्मीदवारों का चयन हो चुका है।
बताते हैं कि याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि प्रारंभिक परीक्षा में करीब सौ के करीब सवाल गलत थे। इनमें अलग-अलग विषयों के जनरल स्टडी के और वैकल्पिक विषयों के सवाल शामिल हैं। दोबारा से नंबरिंग होने के बाद अब याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि जब आयोग यह बात मान चुका है कि सवाल गलत थे तो फिर ऐसे में प्रारंभिक परीक्षा का औचित्य ही नहीं रह जाता। यह मांग की गई है कि इस परीक्षा को दोबारा से करवाया जाए।
मामले को हाईकोर्ट में लेकर जाने वाले डॉ. अशोक कुमार आदि ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायार कर दी है। बताते हैं कि याचिका स्वीकार भी हो चुकी है और इसमें इसी महीने में सुनवाई होने की उम्मीद है। उधर, दोबारा से नंबरिंग करवाने और हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के बाद आयोग को उम्मीद थी कि मेन की परीक्षा पंद्रह मार्च तक हो जाएगी किंतु अब इसकी संभावना कम ही दिख रही है। आयोग के चेयरमैन मनबीर सिंह भड़ाना से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेन परीक्षा का फैसला अदालत के आदेश के हिसाब से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
.....TT
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.