हरियाणा राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्यों ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर सेक्टर 5 स्थित शिक्षा सदन के पास अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत की। इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्राथमिक स्कूल शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
प्रदेश प्रधान विनोद ने कहा कि विभाग और सरकार की ओर से शिक्षकों की मांगों को लेकर कई बार आश्वासन दिए गए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे शिक्षकों, स्कूलों और स्टूडेंट्स की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। विनोद ने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में सुविधाओं के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है। साथ ही सरकार स्कूलों को प्राइवेट संस्थाओं को सौंपकर मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। इसे संघ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। अगर इसके लिए आमरण अनशन भी करना पड़ा तो संघ पीछे नहीं हटेगा
मुख्य मांगें:
*राजकीय स्कूलों का निजीकरण बंद किया जाए।
*प्राथमिक विद्यालयों में मुख्य शिक्षक के पद स्वीकृत करते हुए छात्र संख्या की शर्त को हटाया जाए।
*प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम दो शिक्षकों की भर्ती की जाए।
*प्राथमिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं को आरटीआई के तहत मिलने वाली सुविधाएं, पाठ्य पुस्तकें, स्टेशनरी, वर्दी आदि सत्र के आरंभ में उपलब्ध करवाई जाएं।
*प्राथमिक शिक्षकों को पंजाब-हिमाचल की तर्ज पर विभागीय पदोन्नति दी जाए।
*प्राथमिक स्तर पर स्टूडेंट्स की खेल प्रतियोगिताओं के लिए विद्यालय स्तर पर अलग से बजट उपलब्ध कराया जाए।
*सभी प्राथमिक विद्यालयों में उच्च विद्यालयों की तरह सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
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