अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर के जेबीटी शिक्षकों ने शनिवार को रोहतक में शिक्षा बचाओ सम्मान रैली की। इसमें सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि उनकी नौकरी पर कोई संकट आया तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पंचकूला में 18 फरवरी से बेमियादी क्रमिक अनशन शुरू करने का ऐलान भी किया गया। इससे पहले प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों और पुलिस के बीच जमकर कहासुनी हुई। शिक्षकों ने गिरफ्तारियां भी दी।
रैली को संबोधित करते हुए राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश प्रधान विनोद ठाकरान और महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि प्रदेश में 30 हजार से अधिक जेबीटी शिक्षक हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार वर्ष 2000 से नौकरी कर रहे शिक्षकों को बेरोजगार करना चाहती है। इसके लिए इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की तीन बार जांच की जा चुकी है। संघ के संरक्षक हरिओम राठी ने कहा कि मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह ने शिक्षकों के प्रति सकारात्मक बयान दिया, लेकिन राजनीतिक व प्रशासनिक अहम के टकराव के चलते अगर शिक्षकों के हितों के खिलाफ कोई फैसला लिया गया तो उसे सहन नहीं किया जाएगा।
पुलिस के रोकने पर सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारी: प्रदर्शन कर रहे शिक्षक जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपने के लिए रवाना हुए तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। यहां तहसीलदार प्रमोद चहल व डीएसपी सुमित के साथ उनकी जमकर बहस हुई। विरोध स्वरूप शिक्षक सड़क पर बैठ गए और गिरफ्तारी दी। शिक्षकों को 16 बसों में बैठाकर अर्बन थाने ले जाया गया। वहां कागजी कार्रवाई के बाद सभी को छोड़ दिया गया।
शिक्षामंत्री बोलीं:ले रहे हैं कानूनी राय
शिक्षामंत्री गीता भुक्कल ने कहा है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में कोर्ट का फैसला आने के बाद सभी ३२०६ जेबीटी शिक्षकों को नौकरी में बनाए रखने या हटाने के बारे में सरकार कानूनी राय ले रही है। फिलहाल इन शिक्षकों की प्रमोशन रोक दी गई है। ध्यान रहे कि इस घोटाले में इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला को १० साल की सजा हो चुकी है।
इन मांगों को पूरा करे सरकार:
* वर्ष 2000 से नियुक्तशिक्षकों को पदोन्नति दी जाए।
*पूर्व में मंजूर ग्रेड पे 16,290 दिया जाए। थ्री सिस्टम रद्द कर पांचवीं तक की कक्षाएं जेबीटी को मिले।
*शिक्षक छात्र अनुपात 1:30 किया जाए। सरकार शिक्षकों के सात हजार नए पद सृजित करे।
*प्राथमिक शिक्षकों के जिला काडर सही ढंग से लागू हो। प्राइमरी स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं मिले।
*शिक्षा का निजीकरण बंद हो। शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्यों से हटाया जाए। छात्रों को सामग्री दाखिलों के साथ ही दी जाए। ....DB
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