रविवार को शहर में अतिथि अध्यापकों ने नियमित करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान मानव चौक से लेकर कोर्ट तक रोष मार्च भी निकाला गया।
इसके बाद एसडीएम मुकेश आहूजा को ज्ञापन सौंपा गया।धरने में अम्बाला, पंचकूला, कैथल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर के अतिथि अध्यापकों ने भाग लिया। प्रदेशाध्यक्ष अरुण मलिक ने कहा कि पिछले सात वर्षों से अतिथि अध्यापक कार्यरत है। स्कूलों में शिक्षा का स्तर उठा है। विद्यार्थियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। इसलिए अब हरियाणा सरकार को अतिथि अध्यापकों को नियमित कर देना चाहिए। प्रदेश सचिव कुलदीप झरौली ने कहा कि सरकार उनके संघर्ष को भली भांति जानती है। सितंबर 2008 में अतिथि अध्यापकों ने रोहतक में जो प्रदर्शन किया था उसमें एक बहन ने अपने प्राण न्यौछावर किए थे।यमुनानगर के जिला प्रधान शिवचरण ने कहा कि सरकार बार बार कानून की दुहाई न दें। सरकार स्वयं ही कानून बनाती है उन्हें नियमित करने का वादा भी सरकार ने ही किया था। कैथल जिला प्रधान सुभाष रावी ने सरकार को आड़े हाथों लिया कि अतिथि अध्यापकों का शोषण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश के अतिथि अध्यापक संघर्ष के लिए तैयार है।जिला अम्बाला के प्रधान शशि भूषण ने कहा कि सरकार ने पात्रता का बवंडर बना रखा है। अतिथि अध्यापक पिछले सात वर्षों के परीक्षा परिणामों से अपनी पात्रता साबित कर चुके हैं। इसलिए सरकार को तुरंत प्रभाव से अतिथि अध्यापकों को नियमित कर देना चाहिए। कुरुक्षेत्र के जिला प्रधान वीरेंद्र सिंह तथा पंचकूला के प्रधान रामभगत ने भी संबोधित किया।
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