*मुख्य सचिव कार्यालय के 16 मार्च, 2006 के निर्देश को किया रद
*मौलिक शिक्षा निदेशालय ने हाई कोर्ट की रोक के बावजूद जारी की सूची
शिक्षा विभाग द्वारा 21 फरवरी को जारी एससी वर्ग के मास्टर व सीएंडवी शिक्षकों की मिडिल स्कूल मुख्याध्यापकों की पदोन्नति पर खतरा मंडरा गया है। मुख्य सचिव कार्यालय ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देकर इसे रोकने का निर्देश दिया है। पदोन्नत मुख्याध्यापकों को स्टेशन अलॉट नहीं किए गए थे।
मुख्य सचिव कार्यालय ने सूची जारी होने से एक दिन पहले 20 फरवरी को आदेश संख्या 22/132/2008-1जीएस-3 जारी कर मौलिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि हाई कोर्ट ने 7 अगस्त 2012 को पदोन्नति पर रोक लगाने का आदेश दिया था अत: इसके अनुसार ही कार्रवाई की जाए। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने गत 21 फरवरी को एससी वर्ग के मास्टर व सीएंडवी शिक्षकों की मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों के पद पर पदोन्नति सूची जारी की है। इसके तहत मास्टर कैडर से 31 दिसंबर 2004 तक के 592, 17 नवंबर 2003 तक के 26 सीएंडवी हिंदी शिक्षक, 21 मई 2002 तक के 20 संस्कृत अध्यापक तथा तीन पंजाबी शिक्षकों मिडिल हैड के पद पर पदोन्नति दी है।
प्रदेश सरकार ने 16 मार्च 2006 को एससी वर्ग के मास्टरों को हैडमास्टर के पद पर पदोन्नति देने का आदेश दिया था। 7 अगस्त 2012 को प्रेम सिंह नामक व्यक्ति की याचिका पर हाई कोर्ट पदोन्नति पर रोक लगा दी। इसके बावजूद मौलिक शिक्षा निदेशालय ने 21 फरवरी को पदोन्नति सूची जारी कर दी। अब मुख्य सचिव कार्यालय ने पिछले आदेश रद करते हुए सभी अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया। पदोन्नति पर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है।
बाकी 469 पदों पर भी दी जाए पदोन्नति
हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष दलबीर अल्याहण व सचिव रोशनलाल जैस्ट ने कहा कि कुल 5548 पदों में से 1110 पद बनते हैं। शेष 469 पदों पर भी एससी अध्यापकों को मिडिल हैड पदोन्नति दी जाए।
...DJ
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