* अतिथि अध्यापक और पात्र अध्यापक आमने-सामने
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सरकारी विद्यालयों में अतिथि अध्यापकों की जगह नियमित अध्यापकों को भर्ती करने की तय सीमा 16 फरवरी है। समय सीमा पूरे होने में केवल दस दिन बचे हैं।
अभी तक न तो नियमित भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई है और न ही अतिथि अध्यापकों के संबंध में कोई स्पष्ट निर्णय लिया गया है। ऐसे में नौकरी पाने और नौकरी बचाने के सवाल को लेकर अतिथि अध्यापक और पात्र अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है।
सीएम के फैसले पर नजर
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश शिक्षा विभाग की सचिव व वित्तायुक्त सुरीना राजन ने अतिथि अध्यापकों की सेवाएं आगे न बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। ऐसे में मुख्यमंत्री का अतिथि अध्यापकों के कार्यकाल बढ़ाने या रद्द करने के निर्णय पर ही अध्यापकों की नजर टिकी है
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