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Tuesday 2 September 2014

मेडिकल सुरक्षा स्कीम के लिए प्रदेशभर के अध्यापक लामबंद

** सीएम के आदेश पर भी नहीं मिला स्कीम का लाभ, प्रदर्शन कर जताया रोष 
रोहतक : कुरुक्षेत्र में हरियाणा फेडरेशन आॅफ विश्वविद्यालय कॉलेज शिक्षक संगठन के 9 दिसंबर 2008 के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने मेडिकल सुरक्षा स्कीम देने की घोषणा की, लेकिन छह साल बीतने के बाद भी यह घोषणा लागू नहीं हो पाई है। 
सोमवार को कॉलेज शिक्षकों ने हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले विरोध प्रदर्शन करते हुए डीसी को ज्ञापन सौंपा। कॉलेजों में प्रदर्शन कर रहे हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के सचिव दयानंद मलिक ने बताया कि 17 जून 2014 को मुख्यमंत्री ने सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के स्टाफ के लिए मेडिकल सुरक्षा स्कीम लागू करने का आदेश दिया था। टीचिंग नॉन टीचिंग स्टाफ को सरकार द्वारा नोटिफाई गंभीर बीमारियों के लिए बिल भुगतान वापसी देने का अनुमोदन मुख्यमंत्री द्वारा करने के बाद वित्त सचिव की ओर से टरकाया जा रहा है, जोकि ठीक नहीं है। इस बारे में कई बार सीएम से वादा भी किया जा चुका है। इसके अलावा कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल करने तथा नव नियुक्त शिक्षकों को पीएचडी के पांच इंक्रीमेंट देने के लिए भी सरकार से मांग की जा रही है। इन्हीं मुद्दों को लेकर सोमवार को डीसी के माध्यम से सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान एमडीयू जोनल अध्यक्ष डॉ. एके बंसल, डॉ. धर्मवीर, डॉ. मदनलाल, डॉ. जयपाल शर्मा, डॉ. सुरेश शर्मा, डॉ. दिनेश बंसल, डॉ. सुरेश मलिक, डॉ. आरके अवस्थी डॉ. एके जैन मौजूद रहे। 
कुरुक्षेत्र में काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन 
प्रदेश के 97 सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के शिक्षकों ने हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (एचसीटीए) के निर्देश पर धरने-प्रदर्शन किए। प्रदेश के कॉलेज शिक्षक सीएम द्वारा गंभीर बीमारियों के लिए मेडिकल सुरक्षा स्कीम लागू करने के वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों ने कहा कि जब सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु प्रदेश सरकार ने दो वर्ष बढ़ा दी है तो इसका लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा। भगवान परशुराम कॉलेज के शिक्षकों ने काली पट्टी बांध सरकार के खिलाफ रोष जताया। जताया। शिक्षकों ने कहा कि पीएचडी के पांच इंक्रीमेंट का लाभ भी हरियाणा के शिक्षकों को नहीं मिला। वहीं अन्य प्रदेशों के शिक्षकों को यह लाभ मिल रहा है। एचसीटीए के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र चाहर महासचिव डॉ. रविंद्र गासो ने कहा कि एक अधिकारी अगर फाइल रोक देता है तो सीएम को व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर फाइल पास करानी चाहिए।
ये भी हैं मांगें 
  • सेवानिवृति की उम्र 65 साल करना। 
  • काॅलेज में प्रोफेसर के पद तय करना। 
  • सप्ताह में कार्य के 16 घंटे तय करना। 
  • सेल्फ फाइनेंस स्कीम के पदों को बजट पोस्ट में बदलना। 
  • सेमिनार वर्कशाप अटैंड करने पर शैक्षणिक लिव मिलना। 
  • यूजीसी के नियमों की पालना करना। 
  • महिलाओं की सुरक्षा के उचित प्रबंध करना।                                             db

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