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Thursday 4 September 2014

अन्य प्रदेशों से पढ़ने आए छात्रों का भविष्य अधर में

** हरियाणा बोर्ड की प्राइवेट स्कूलों में दूसरे प्रदेश से आए 10वीं,12 वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के सेकंड सेमेस्टर का नहीं आया रिजल्ट 
गुड़गांव : दूसरे प्रदेश से गुड़गांव में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य अधर में लटका है। 10 वीं और 12वीं के ऐसे छात्रों के रिजल्ट जारी नहीं होने से अब उनका एक साल बर्बाद होगा। गुड़गांव में करीब 6 सौ विद्यार्थी हैं, जिनके सेकंड सेमेस्टर का रिजल्ट जारी नहीं हुआ है। इसी तरह से प्रदेश के अन्य जिलों में भी पढ़ रहे बच्चों का भविष्य अंधकार में है। 
हरियाणा बोर्ड ने दूसरे प्रदेश के बोर्ड के छात्रों द्वारा दिए गए मार्कशीट और स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट पर संदेह करते हुए रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। जबकि 5 जून को अन्य सभी छात्रों के रिजल्ट जारी कर दिया गया था। इसके बाद ऐसे अभिभावकों और छात्रों की चिंता बढ़ने लगी। 12वीं के छात्रों का रिजल्ट जारी नहीं होने से कॉलेजों में एडमिशन नहीं हो सका, जबकि 10 वीं के छात्र 11 वीं में किसी स्कूल में एडमिशन नहीं ले पाए। स्कूल और कॉलेजों में अब प्रवेश प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। 
अब पूरे एक साल तक विद्यार्थियों को मायूस होकर बैठना पड़ेगा और अगले साल ही कहीं एडमिशन हो सकेगा। साथ ही रिजल्ट जारी नहीं होने पर अभिभावक और स्कूल दोनों सवाल उठा रहे हैं। आखिर एक साल बर्बाद होने के लिए जिम्मेवार कौन होगा। स्कूल वाले बोर्ड पर और बोर्ड वाले स्कूल पर जिम्मेवारी थोप रहे हैं।
" इस पूरे मामले के लिए कमेटी गठित की गई है। इस पर गठित कमेटी फैसला लेगी। छात्र हित को ध्यान में रखते हुए जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है।"-- मीनाक्षी शारदा, प्रवक्ता,हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड 
"छात्रोंके भविष्य के लिए बोर्ड जिम्मेवार है। जब डॉक्यूमेंट का वेरीफिकेशन कराना था, तो पहले सेमेस्टर से पहले ही कराना चाहिए था। दूसरे सेमेस्टर के बाद ही ख्याल क्यों आया। अब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।"-- गौरव पराशर, प्रदेश महासचिव, हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन                                                        db

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