चंडीगढ़ : राज्य करीब 14 हजार अतिथि अध्यापकों को जल्द ही समान काम के लिए
समान वेतन मिलेगा। इसकी सिफारिश संबंधी फाइल मुख्य सचिव डीएस ढेसी के पास
पहुंच गई है। अतिथि अध्यापक पक्के नहीं होने के बावजूद आउटसोर्सिग पालिसी
पार्ट दो का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे कर्मचारी जो आउटसोर्सिग पालिसी पार्ट दो
का हिस्सा नहीं हैं, स्वीकृत पदों पर लगे हुए हैं, जिनकी योग्यता भर्ती के
समय पूरी थी और विज्ञापन के द्वारा उन्हें लगाया गया है, उन पर मुख्य सचिव
के नेतृत्व वाली कमेटी फैसला करती है।
शिक्षा निदेशक राज नारायण कौशिक और
अतिथि अध्यापकों के प्रतिनिधिमंडल के बीच सात दौर की बातचीत में यह निकलकर
आया कि अतिथि अध्यापक समान काम के लिए समान वेतन की सभी शर्तो को पूरा करते
हैं। इस तरह के कर्मचारियों को ढेसी कमेटी 1 नवंबर 2017 से समान काम के
लिए समान
वेतन पहले भी दे चुकी। 10 साल की सेवा पूरी कर चुके स्वास्थ्य विभाग के
कर्मचारियों को पांच प्रतिशत
डीए और मेडिकल भत्ता इस कमेटी द्वारा दिया जा चुका है। ऐसे में अतिथि
अध्यापकों को भी यही सुविधाएं मिलने के आसार हैं।
खुल्लर और अमरिंदर सिंह की रही खास भूमिका
हरियाणा के अतिथि अध्यापकों को यदि समान काम के लिए समान वेतन मिलता है तो इसमें सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और ओएसडी अमरिंदर सिंह की खास भूमिका रहेगी। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के संयोजक पारस शर्मा के अनुसार जल्द ही सीएम के साथ बैठक कराने का भरोसा भी दिलाया गया है। अधिकारियों ने नियमों और कानून के आधार पर समान काम के लिए समान वेतन के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्य सचिव के पास भेजी है।
खुल्लर और अमरिंदर सिंह की रही खास भूमिका
हरियाणा के अतिथि अध्यापकों को यदि समान काम के लिए समान वेतन मिलता है तो इसमें सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और ओएसडी अमरिंदर सिंह की खास भूमिका रहेगी। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के संयोजक पारस शर्मा के अनुसार जल्द ही सीएम के साथ बैठक कराने का भरोसा भी दिलाया गया है। अधिकारियों ने नियमों और कानून के आधार पर समान काम के लिए समान वेतन के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्य सचिव के पास भेजी है।
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