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Tuesday, 20 March 2018

मूल्यांकन प्रक्रिया होगी लचीली

** तर्क है कि परीक्षार्थी को पास होने में परेशानी नहीं हो।
** सीबीएसई ने 10वीं व 12वीं परीक्षा के साथ ही उसके मूल्यांकन के निर्देश जारी किए
** 10वीं में 35 प्रतिशत की जगह 33 प्रतिशत और 12वीं में 40 प्रतिशत की जगह 35 प्रतिशत अंक लाने वाले परीक्षार्थी उत्तीर्ण माने जाएंगे।
** परीक्षार्थियों को इंटरनल और थ्योरी में अलग-अलग पास करने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
करनाल : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीइ) नई दिल्ली ने इस साल से मूल्यांकन को लचीला बनाने का फैसला लिया है। इसके पीछे तर्क है कि परीक्षार्थी को पास होने में परेशानी नहीं हो।
सीबीएसई दिल्ली की प्रवक्ता रमा शर्मा के मुताबिक शहर की सभी सीबीएसई स्कूलों के ¨प्रसिपल को पत्र भेजकर वीं और 12वीं परीक्षा के साथ ही उसके मूल्यांकन को लेकर निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया कि मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों को बेहद सतर्कता के साथ मूल्यांकन का कार्य करना है, ताकि विद्यार्थियों के साल और 12 साल की पढ़ाई के साथ न्याय हो सके। उन्होंने सारे शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण मूल्यांकन करने के साथ ही बोर्ड की नई मार्किंग स्कीम फॉलो करने का आदेश दिया है। 
उत्तर पुस्तिकाओं की फोटोकॉपी मिलेगी परीक्षार्थियों को 1बोर्ड ने अपने मार्किंग स्कीम को लचीला बनाते हुए स्टेप मार्किंग देने के साथ ही परीक्षार्थी द्वारा लिखे गए उत्तर की पद्धति को भी ध्यान में रखने को कहा है। सवाल के सही-गलत उत्तरों की बजाए परीक्षार्थियों द्वारा अपनाए गए तरीके पर भी मार्किंग देने को कहा है, ताकि परीक्षार्थी के नॉलेज का सही मूल्यांकन हो सके। पीआरओ ने कहा कि बोर्ड की ओर से वीं और 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं की फोटोकॉपी परीक्षार्थियों को मुहैया करानी है। ऐसे में मूल्यांकन में वैसी कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए, जो बाद में बोर्ड के लिए मुश्किल साबित हो। उन्होंने परीक्षा और मूल्यांकन विधि को पूरी तरह से पारदर्शी और गोपनीय रखने का भी निर्देश जारी किया है। इस बार से बोर्ड ने परीक्षा को लेकर भी काफी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने सभी स्कूलों को अब्जर्वेशन शेड्यूल मुहैया कराया है, जिसमें वे परीक्षा में आउट ऑफ सिलेबस सवाल आने, उम्मीदवारों के लेवल के ऊपर के सवाल रखने, सवाल का अनुवाद गलत करने या फिर सवाल के गलत होने पर बोर्ड कको शिकायत कर सकते हैं।
लिखा गया है पत्र 
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने भी इस साल से वीं (आइसीएसइ) और 12वीं (आइएससी) में अपने पासिंग क्राइटेरिया में बदलाव करते हुए आसान बनाया है। इस साल से काउंसिल ने 10वीं में 35 प्रतिशत की जगह 33 प्रतिशत और 12वीं में 40 प्रतिशत की जगह 35 प्रतिशत अंक लाने वाले परीक्षार्थी उत्तीर्ण माने जाएंगे। काउंसिल ने स्कूल के ¨प्रसिपल को पत्र लिखा है।
33 फीसद मार्क्‍स वाले उत्तीर्ण
सीबीएसइ ने इस साल से दसवीं में पासिंग क्राइटेरिया में भी बदलाव किया है। आठ साल के बाद पहली बार बोर्ड परीक्षा दे रहे 10वीं के परीक्षार्थियों को इंटरनल और थ्योरी में अलग-अलग पास करने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इंटरनल और थ्योरी में एग्रीगेटस 33 फीसदी मार्क्‍स लाने वाले परीक्षार्थी उत्तीर्ण माने जाएंगे। पहले ंइटरनल और थ्योरी दोनों में अलग-अलग पास करना जरूरी होता था।

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