कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार की स्कूली छात्रों को दी जाने वाली प्रोत्साहन
राशि के फेर में प्रदेश का भविष्य हतोत्साहित हो रहे हैं। 1भले ही
प्रोत्साहन राशि प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को
सत्र के प्रारंभ में यानि अप्रैल-मई में प्रदान करनी हो, लेकिन इस आनलाइन
के चक्कर में ऐसा पेंच फंसा अब तक पहली से आठवीं तक के बच्चे प्रोत्साहन
राशि का इंतजार कर रहे हैं। अभिभावक बार-बार बैंकों में जाते हैं तो उन्हें
वही जवाब मिलता है कि उनके खाते में कोई राशि विभाग की ओर से नहीं डाली
गई। विभाग के अधिकारी इसे साफ्टवेयर में आधार लिंक न होने का कारण बताकर
पल्ला झाड़ लेते हैं। प्रदेश में पिछली सरकार के समय में सरकारी विद्यालयों
में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन राशि शुरू की थी। जो
अनुसूचित जाति के लिए सत्र के प्रारंभ में एकमुश्त और हर माह कुछ राशि डाली
जाती थी। जिसका प्रयोग किताबों के अलावा बैग, पेंसिल और कापियां खरीदने के
लिए किया जाता था। पहले इस राशि को विभाग की ओर से स्कूलों के
मुख्याध्यापकों के खाते में डाला जाता था। जो बैंक में जाकर बच्चों के खाते
में डाल देते थे। प्रदेश सरकार की ओर से पिछले वर्ष सीधे खाते में डालने
के लिए साफ्टवेयर तैयार किया गया। जिसके बाद यह सीधे बच्चों के खाते में
डाला जाना था। साफ्टवेयर में आधार लिंक न होने के कारण अभी तक राशि बच्चों
के खातों में नहीं डल पाई।
ये राशि मिलती है बच्चों को :
विभाग की ओर से अनुसूचित जाति के
विद्यार्थियों के लिए हर वर्ष सत्र के प्रारंभ में एकमुश्त राशि डाली जाती
है। जो हर कक्षा की अलग-अलग होती है। जो पहली कक्षा के लिए 740 रुपये,
दूसरी कक्षा के लिए 750 रुपये, तीसरी कक्षा के लिए 960 रुपये, चौथी कक्षा
के लिए 970 और पांचवीं कक्षा के लिए 980 रुपये दी जाती है। इसके अलावा हर
माह राशि जारी की जाती है। जिसमें अनुसूचित जाति के लड़कों के लिए 150
रुपये और लड़कियों के लिए 225 रुपये दिए जाते हैं। पिछड़ा वर्ग के लड़कों
के लिए 75 रुपये और लड़कियों के लिए 150 रुपये, बीपीएल परिवारों के लड़कों
के लिए 75 रुपये, लड़कियों के लिए 150 रुपये प्रदान किए जाते हैं।
एकमुश्त
राशि जारी बाकि भी जल्द होंगी खाते में : भट्टी
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी
सतनाम सिंह भट्टी ने बताया कि प्रोत्साहन राशि की एकमुश्त दी जाने वाली
राशि विभाग की ओर से डाली जा चुकी है। अगर किसी के खाते में नहीं गई तो
उसका कारण आधार का लिंक होना हो सकता है। बाकी प्रोत्साहन राशियां भी विभाग
जल्द ही बच्चों के खाते में सीधे डाल रहा है। इसमें साफ्टवेयर के साथ आधार
लिंक न होने के कारण समस्या आई है।
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