** योजना के लिए 21 मार्च को शिक्षा अधिकारी प्रिंसिपल के साथ करेंगे वीडियो काॅन्फ्रेंस
सोनीपत : कॉलेज में शिक्षा के साथ ही विद्यार्थी
की कॅरियर को लेकर राह भी बनेगी, यही नहीं मेधावी एवं प्रतिभा संपन्न
विद्यार्थियों के रोजगार की राह भी सहज होगी। ऐसा इसलिए संभव होगा क्योंकि
अब कॉलेजों में व्यावसायिक कोर्स अनिवार्य तौर पर करना होगा। कॉलेज में
डिग्री के साथ छात्र रोजगारपरक ट्रेनिंग भी पा सकें इसलिए ये फैसला लिया
गया है। इस बाबत कॉलेजों को आवश्यक निर्देश उच्चतर शिक्षा निदेशालय की ओर
से जारी कर दिए गए हैं। जिसमें कॉलेजों से छात्रों के लिए शुरू होने वाले
व्यावसायिक कोर्स की सूची बनाने के निर्देश भी दिए हैं।
छात्रों की
पसंद से कॉलेज तैयार करेंगे कोर्सों की सूची :
कॉलेजों को निर्देश दिए गए
हैं कि छात्रों की पसंद और उद्योगों की मांग के मुताबिक व्यवसायिक कोर्सों
की सूची तैयार करें। इसके लिए विद्यार्थियों से चर्चा करने के साथ ही
क्षेत्र के विभिन्न उद्योगपतियों के साथ भी बातचीत भी की जाए। जिससे कोर्स
को बेहतर ढंग से डिजाइन किया जा सकें। इस मामले में 21 मार्च को उच्चतर
शिक्षा निदेशालय की प्रधान सचिव ज्योति दहिया की अध्यक्षता में कॉलेजों के
प्राचार्य वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल होंगे। इसमें सभी राजकीय व निजी
कॉलेजों के प्राचार्य दिए गए आदेशों पर रिपोर्ट पेश करेंगे। इस दौरान
व्यवसायिक कोर्सों की सूची, कॉलेज की ओर से किए गए निजी प्रयास, व पासपोर्ट
बनाने के लिए किए गए कार्यों की जानकारी भी देनी होगी।
इसलिए बनाई यह योजना
जिले
के कॉलेजों से हर साल करीब 10 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पास होते हैं,
लेकिन काफी छात्र कौशल की कमी के चलते रोजगार नहीं पाते। ऐसे में अब
विद्यार्थियों को कॉलेज में विभिन्न कोर्स के दौरान उनका इस बीच का हवाला
देते हुए छात्रों का कौशल निखारने के प्रयास करने को कहा था।
"योजना बढ़िया है। इससे विद्यार्थियों को
कॉलेज में ही बाजार की अपेक्षा के मुताबिक कोर्स कर रोजगार हासिल करने में
मदद मिलेगी। प्लेसमेंट विंग स्थापित होने से रोजगार की संभावनाओं के साथ
ही रोजगार मेले संचालित किए जाएंगे।''-- ज्योति जुनेजा, प्रिंसिपल जीवीएम
कॉलेज
प्लेसमेंट की मांगी है रिपोर्ट
निदेशालय नेे कॉलेजों
में पिछले एक साल में हुए छात्रों के प्लेसमेंट का रिकॉर्ड भी मांगा है।
कॉलेज की ओर से लगे रोजगार मेले, विभिन्न कंपनियों या उद्योगों में हुए
प्लेसमेंट सेल आदि में कितने छात्रों का कितने पैकेज पर चयन हुआ है ये
जानकारी भी कॉलेजों को देनी होगी।
"इस योजना के सार्थक परिणाम सामने
आएंगे। क्योंकि कॉलेज में शिक्षा के साथ रोजगार मिलने की संभावना बनने पर
विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों का भी हौंसला बढ़ता है। इसका असर फिर शिक्षा
दर में सुधार होने के रूप में भी मिलेगा।''-- सुभाष सिसोदिया, प्राध्यापक,
मुरथल कॉलेज।
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