** शिक्षा विभाग की राजकीय स्कूलों के लिए है योजना
सोनीपत : राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ ही अब
उनके मानसिक तनाव को भी दूर किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग के
प्रोजेक्ट जिंदगी योजना के तहत प्रत्येक बच्चे की विशेष काउंसलिंग कर उनके
मन में बैठे डर को समाप्त करने की पहल शुरू होने जा रही है। इस योजना का
उद्देश्य विद्यार्थियों को तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाकर उनका पूरा ध्यान
पढ़ाई पर फोकस कराना है।
इस योजना के तहत पहले कुछ स्कूलों में बच्चों की
काउंसलिंग शुरू की जाएगी, जिसे बाद में सभी स्कूलों में लागू कर दिया
जाएगा। इसके लिए अप्रैल से अध्यापकों की ट्रेनिंग क्लास भी लगेंगी। इसमें
उन्हें बताया जाएगा कि कैसे विद्यार्थियों की काउंसलिंग की जानी है। अक्सर
देखने में आता है कि अधिकतर बच्चे स्कूली समय से ही तनावग्रस्त होने लगते
हैं। इनमें अधिकतर बोर्ड की परीक्षाएं देने वाले विद्यार्थी होते हैं।
बेहतर नंबरों का दबाव और परिवार की आकांक्षाओं का भार कई बार विद्यार्थियों
पर इतना बढ़ जाता है कि वह कोई गलत कदम भी उठा लेते हैं। निजी स्कूलों में
कई तरह की गतिविधियों के द्वारा बच्चों को तनाव से निकाल दिया जाता है।
मगर यह समस्या राजकीय स्कूलों में बनी रहती थी। इन स्कूलों में बच्चों की
उचित काउंसलिंग कराने के लिए कोई पैमाना या मापदंड नहीं होने से ही बच्चे
तनाव की वजह से ही पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं और आक्रामक प्रवृति से घिर
जाते हैं। ऐसे विद्यार्थियों को सही मार्ग दिखाने का काम अब स्कूली शिक्षक
ही निभाएंगे। प्रोजेक्ट जिंदगी योजना के तहत 10 से अधिक ¨बदुओं पर काम किया
जाएगा।
"विद्यार्थियों को तनाव से निकालकर उनमें आत्मविश्वास का संचार करने के
लिए योजना शुरू होने वाली है। इसके तहत विद्यार्थियों की काउंसलिंग कर
उन्हें उचित मार्ग सुझाया जाएगा। इससे वह पढ़ाई में पूरा फोकस कर सकेंगे और
इससे विद्यार्थियों व अध्यापकों के बीच समन्वय भी बेहतर होगा।"-- दयानंद
आंतिल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सोनीपत
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