** भ्रम दूर करने को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जारी किया निर्देश
वाराणसी : सीबीएसई के 10वीं व 12वीं में मेरिट की गणना मुख्य 5 विषयों से
ही होगी। इंटर में मुख्य पांच विषयों में किसी एक विषय में फेल होने की
स्थिति में छठे (अतिरिक्त विषय) को आधार बनाया जा सकता है। परीक्षार्थी
द्वारा मुख्य पांच विषयों में पास होने पर छठवें विषय का अंक मान्य नहीं
होगा। अतिरिक्त विषय में फेल होने पर छात्र उत्तीर्ण माना जाएगा। पांच व छह
विषय को लेकर सीबीएसई ने स्पष्ट कर दिया है। सीबीएसई के कई स्कूल हाईस्कूल
व इंटर में छात्रों का पांच विषय से परीक्षा फार्म भरवाते हैं। वहीं
कुछ स्कूल छात्रों को छठवां अतिरिक्त विषय भी लेने की सलाह देते हैं।
ज्यादातर परीक्षार्थी छठवें विषय के रूप में प्रैक्टिकल वाले विषयों का चयन
करते हैं ताकि अतिरिक्त विषय में अधिक अंक हासिल किए जा सकें। वहीं कई
स्कूल प्रबंधन रिजल्ट घोषित होने के बाद इंटर के मुख्य पांच विषयों में से
कम अंक पाने वाले किसी एक विषय को हटाकर अतिरिक्त विषय का अंक जोड़ कर
मेरिट निकालते हैं। इसके आधार पर टापर्स होने का दावा भी किया जाता है।
अतिरिक्त विषय को लेकर परीक्षार्थी ही नहीं अभिभावकों में भ्रम की स्थिति
बनी हुई है। लोगों का भ्रम दूर करने के लिए सीबीएसई ने सभी स्कूलों को
निर्देश जारी किया है। इसकी प्रतिलिपि सनबीम ग्रुप को भी मिली है। स्पष्ट
रूप से कहा गया है कि हाईस्कूल व इंटर में मुख्य पांच विषय ही मान्य हैं।
10वीं में पांचों विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
"अतिरिक्त विषय को लेकर
कुछ लोगों में भ्रम की स्थिति थी। सीबीएसई ने परीक्षा से पहले ही इस संबंध
में स्पष्ट कर दिया है। हाल में सीबीएसई से निर्देश भी मिला है।"-- दीपक
मधोक, अध्यक्ष, सनबीम ग्रुप व पूर्वाचल स्कूल एसोसिएशन
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