नई दिल्ली. लोकसभा ने गुरुवार को दो अहम बिल पेमेंट ऑफ
ग्रेच्युटी अमेंडमेंट बिल और स्पेसिफिक रिलीफ अमेंडमेेंट बिल को मंजूरी
दे दी। ये दोनों बिल बिना बहस के पास हो गए। विपक्षी सदस्यों ने इन बिलों
पर बहस और मत विभाजन की मांग की थी। लेकिन, विपक्ष के हंगामे के बीच बिल को
ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
पहले 10 लाख से ज्यादा ग्रेच्युटी नहीं दी जा सकती थी
- पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट में प्रावधान था कि प्राइवेट सेक्टर में
काम करने वाले कर्मचारी को 10 लाख रुपए से ज्यादा ग्रेच्युटी नहीं दी जा
सकती है। संशोधन के बाद अब प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले
कर्मचारियों को 20 लाख रुपए तक टैक्स फ्री ग्रेच्युटी मिल सकेगी।
- केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले ही 20 लाख रुपए तक टैक्स फ्री
ग्रेच्युटी देने का नियम है। ट्रेड यूनियंस काफी लंबे समय से प्राइवेट
सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख
रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने की मांग कर रही थीं।
अपोजिशन ने किया हंगामा
- लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से कहा कि वे खासकर
पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी अमेंडमेंट बिल पर डिबेट चाहती हैं। लेकिन, विपक्ष और
टीडीपी के सदस्यों के हंगामे के बीच उन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्री
संतोष कुमार गंगवार को बिल और अमेंडमेंट पेश करने की अनुमति दे दी।
- आरएसपी सदस्य एनके प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के दस्य अधीर रंजन चौधरी
ने कटौती प्रस्ताव पेश किया, लेकिन उनका प्रस्ताव ध्वनि मत से खारिज हो
गया और सरकार की ओर से पेश किए गए अमेंडमेंट को मंजूर कर लिया गया।
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