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Monday 23 December 2013

अन्तर जिला स्थानांतरण नीति जी का जंजाल


कैथल : प्राथमिक शिक्षकों की अन्तरजिला स्थानांतरण नीति अध्यापकों के साथ शिक्षा विभाग तथा हरियाणा सरकार के उच्चाधिकारियों के लिए जी का जंजाल बन गई है। सरकार न तो शिक्षकों को उनके गृह जिलों में भेज पा रही है और न ही उन्हें भेजने से मना कर पा रही है। अन्तरजिला स्थानांतरण के ज्यादा दावेदार होने के कारण विभाग द्वारा पिछले वर्ष केवल दस निर्धारित वर्गो के लिए आवेदन ऑनलाइन मांगे थे, लेकिन विभाग की मंशा स्पष्ट नहीं होने के कारण पूरा साल अध्यापक उम्मीद ही करते रहे। सरकार टरकाऊ रवैया अपना कर कभी स्थानांतरण के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करने के तो कभी मुख्यमंत्री से स्वीकृति नहीं मिलने का बहाना लगाती है। 
गौरतलब है कि लगभग सभी जिलों में प्राथमिक शिक्षकों के हजारों पद रिक्त पड़े हैं, लेकिन फिर भी अध्यापकों को दूसरे जिलों में नौकरी के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अन्तरजिला स्थानांतरण के लिए प्राथमिक शिक्षक संघ ने मेवात से चंडीगढ तक पदयात्र भी निकाली और पंचकूला में सौ दिन क्रमिक अनशन भी किया, लेकिन सरकार ने आश्वासन देकर अनशन तो समाप्त करवा दिया, लेकिन स्थानांतरण आज भी एक सपना ही है। 1पिछले साल लिए आवेदन के आधार पर गत 25 नवम्बर को महानिदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा, पंचकूला ने क्रमांक 13/277-2013ईटी-1(2) दस वर्गो की सूची जारी करके कुछ अध्यापकों के चेहरों पर मुस्कान लाने की कोशिश की। अब सूची जारी होने के बाद भी अध्यापकों की काऊंसलिंग करवाने के बहाने समय निकाला जा रहा है। 1अध्यापकों को कागजी प्रक्रिया में शिक्षा विभाग ने लटका कर रखा है, जबकि इन दस वर्गो के स्थानांतरण में किसी औपचारिकता की आवश्यकता ही नहीं थी। जिस वेरीफिकेशन के नाम पर विभाग ने एक महीने का समय निकाल दिया है, वह उन सभी अध्यापकों की स्थायी नियुक्ति के समय कर ली गई थी। 
संघर्षरत शिक्षक संघ 
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान रोशन लाल पंवार ने कहा कि संघ पिछले कई साल से अन्तरजिला स्थानांतरण को लेकर संघर्ष कर रहा है। विभाग ने दस वर्गो की सूची जारी करते समय अध्यापकों को दूसरे जिलों में भेजने के लिए आदेशों में समय सीमा तय नहीं की है। सभी मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय इसे कोई महत्व न देकर अध्यापकों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। सामान्य तबादलों में केवल तीन दिन में अध्यापकों को रिलीव व ज्वाइन करना पड़ता है। सरकार व विभाग से कई बार सहमति बनने के बाद भी सरकार जानबूझ कर अध्यापकों को गृह जिलों में स्थानांतरण नहीं कर रही है। दस वर्गो की सूची जारी हुए काफी वक्त बीत गया, लेकिन उन्हें भी गृह जिलों में नियुक्ति नहीं दी जा रही है । जबकि सी एंड वी अध्यापकों का स्थानांतरण काफी समय पहले कर दिया गया है।                                   dj

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